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Ajit Doval: अग्निपथ योजना को लेकर अजित डोभाल ने जानिए क्यों कहा ऐसा कि 55 साल से सिक्योरिटी में हूं? भ्रम में रहने वाले युवाओं के सारे वहम किए दूर

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार और सेना के अपील के उपरांत कई राज्यों में अग्निपथ योजना को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन अब थम चुका है। हालांकि वो और बात है कि कांग्रेस समेत अन्य राजनीतिक दल इस मसले को लेकर हिंसा की आग को सुलगाने में लगे हुए हैं, लेकिन उन्हें कोई कामयाबी नहीं मिल पा रही है, क्योंकि बीते दिनों जिस तरह केंद्र सरकार समेत तीनों सेनाओं के प्रमुख ने प्रदर्शनकारी युवाओं को अग्निपथ योजना के दीर्घकालीन हितों से अवगत कराया है, उसके परिणामस्वरूप हिंसाग्रस्त राज्यों में हिंसा थम चुकी है। इसी कड़ी में आज यानी की मंगलवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने न्यूज एजेंसी एएनआई को इंटरव्यू दिया है, जिसमें उन्होंने अग्निपथ से होने वाले हितों के बारे में युवाओं को अवगत कराया है। उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से युवाओं ने योजना के विरोध में हिंसात्मक गतिविधियों को अंजाम दिया है, वह निंदनीय है। उन्होंने यह भी कहा कि यह कोई स्टैंडअलोन योजना नहीं है। डोभाल ने कहा कि जब अग्निवीर सेना में चार साल काम करने के उपरांत बाहर आएगा तो वो अन्य व्यक्ति की तुलना में कहीं ज्यादा योगदान समाज के विकास में दे पाएगा, क्योंकि वो स्किल्ड होगा। डोभाल ने कहा कि जब पहला अग्निवीर सेवानिवृत्ति होगा तो उसकी उम्र 25 वर्ष होगी, जो कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए हितकर साबित हो सकती है।

विरोध प्रदर्शन पर कही ये बात

वहीं, जिस तरह अग्निपथ योजना के विरोध में हिंसात्मक गतिविधियों को अंजाम दिया गया है, उस पर डोभाल ने कहा कि यह निंदनीय है, लेकिन हम इस बात से भी अपने कदम पीछे नहीं कर सकते हैं कि जब भी कोई नया परिवर्तन आता है, तो हम उसे स्वीकार करने से गुरेज करते हैं, लेकिन मुझे लग रहा है कि देश के युवा अग्निपथ से होने वाले फायदों को समझ पा रहे हैं, इसलिए विभिन्न राज्यों में जारी हिंसा अब थम चुकी है।

बकौल एनएसए अग्निपथ को लेकर दो तरह के विरोध देखने को मिल रहे हैं। एक वे जिन्हें सिर्फ और सिर्फ हिंसा करने से मतलब है, देश का माहौल खराब करना उनका मकसद है, उन्हें न राष्ट्र से मतलब है, और न राष्ट्रीय सुरक्षा से, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो कि अग्निपथ की लेकर वाकई में चिंतित हैं, लेकिन सरकार  समेत पूर्व सैन्यधिकारियों की समझाइश के परिणामस्वरूप अब ये लोग वस्तुस्थिति को समझ पा रहे हैं। बता दें कि इस इंटरव्यू के दौरान डोभाल ने यह भी कहा कि मैंने सेना में 55 साल काम किया है और हर गतिविधियों को बड़े ही करीब से देखा है और मैं कह सकता हूं कि यह योजना युवाओं के लिए हितकारी है।

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