नई दिल्ली। यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले दो सबसे बड़े प्रतिद्वंदियों के बीच शह और मात का खेल जारी है। आज का दिन भी बेहद अहम रहा, देश के बड़े सियासी खानदानों में से एक मुलायम परिवार की छोटी बहु अपर्णा यादव ने भाजपा का दामन थाम लिया। इससे पहले समाजवादी पार्टी ने योगी सरकार के 2 बड़े मंत्रियों स्वामी प्रसाद मौर्य और दारा सिंह चौहान समेत कुछ विधायकों को पार्टी में शामिल कराया था, लिहाजा भाजपा ने भी पलटवार करते हुए अखिलेश की समाजवादी पार्टी को तगड़ा झटका दिया और प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव को अपनी पार्टी में शामिल कराया। वहीं अपर्णा यादव ने भाजपा को दामन थमते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ की।
वहीं अपर्णा यादव के भाजपा में शामिल होने पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया सामने आई है। इतना ही नहीं अपर्णा यादव के भाजपा में शामिल होने पर वो असहज से दिखे। मीडिया से बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि अपर्णा यादव को नेताजी (मुलायम सिंह यादव) ने बहुत समझाया था। लेकिन वह नहीं मानी। इसके साथ ही सपा प्रमुख ने अपर्णा यादव को बीजेपी में शामिल होने पर बधाई भी दी।
#WATCH | Firstly, I will congratulate her and I am happy that Samajwadi Party’s ideology is expanding…Netaji (former UP CM Mulayam Singh Yadav) tried to convince her: Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav after Aparna Yadav joined BJP pic.twitter.com/aA294cMeVJ
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 19, 2022
इस दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव लड़ने पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि, मैं आजमगढ़ की जनता से अनुमति लेकर ही चुनाव लडूंगा अगर चुनाव लड़ा तो क्योंकि वहां के लोगों ने मुझे जिताया था। बता दें कि अखिलेश यादव पर बीजेपी काफी दिनों से तंज कस रही थी कि वो हार के डर से चुनावी मैदान में नहीं उतर रहे हैं। अखिलेश ने बीजेपी के तंज पर कुछ भी नहीं कहा था। आजमगढ़ जिले में यादव और मुस्लिम वोटरों की तादाद काफी है और वे हर सीट पर जीत और हार तय करते हैं। ऐसे में अखिलेश के लिए यहां से विधानसभा चुनाव जीतना आसान हो सकता है। वहीं, बीजेपी भी काफी पहले से आजमगढ़ में अखिलेश के खिलाफ माहौल बनाती रही है। बीजेपी ने हमेशा सवाल उठाया है कि सांसद होने के बाद भी अखिलेश ने आजमगढ़ में विकास का कोई काम नहीं कराया है।
मैं आजमगढ़ की जनता से अनुमति लेकर ही चुनाव लडूंगा अगर चुनाव लड़ा तो क्योंकि वहां के लोगों ने मुझे जिताया था :अखिलेश यादव,SP https://t.co/EXS5HCpRaK pic.twitter.com/gOLlP5Qqdu
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 19, 2022
आजमगढ़ जिला यूपी के पूर्वांचल में है। यहां 10 विधानसभा सीट हैं। दलित, मुस्लिम, यादव यहां बहुतायत में हैं। इस वजह से जिले में हर चुनाव के दौरान सपा और बीएसपी का दबदबा रहा है। साल 2017 में भी यूपी में बीजेपी अपनी लहर के बाद भी सिर्फ 1 सीट पर ही जीत दर्ज कर सकी थी। सपा ने पिछले चुनाव में यहां 5 और बीएसपी ने 4 सीटों पर जीत हासिल की थी। खास बात ये कि यूपी चुनाव के समर में दोनों ही बड़े नेता योगी आदित्यनाथ और अखिलेश अब पूर्वांचल के मैदान में हैं। योगी आदित्यनाथ को बीजेपी पहले ही गोरखपुर शहर की सीट से उतारने का एलान कर चुकी है।