लखनऊ। राजनीति में अंधविरोध जो न करा दे, मगर कई बार बिना जाने समझे प्रतिक्रिया व्यक्त करने में लेने के देने भी पड़ सकते हैं। ऐसा ही वाक्या सोमवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ घटित हुआ। दरअसल, अखिलेश ने वर्कशॉप में सर्विसिंग के लिए जा रही एक क्षतिग्रस्त बस की तस्वीर को यात्री बस बताकर ट्विटर पर पोस्ट कर दिया।
खटारा सरकार की खटारा बस! pic.twitter.com/IL8vBZI8aJ
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 12, 2022
फिर क्या था ट्विटर पर यूजर्स ने उनकी जमकर खिंचाई कर दी। वहीं यूपी रोडवेज के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से भी अखिलेश यादव को रिप्लाई करते हुए वास्तुस्थिति की जानकारी दी गयी।
मार्ग पर फोटो खींचकर ट्वीट कर दिया गया कि वाहन यात्रियों को लेकर संचालित हो रही है जबकि वाहन में कोई यात्री नहीं था एवं वाहन मरम्मत हेतु भेजी गई थी। एवं फोटो लेकर ट्वीट करके विभाग के प्रति गलत दुष्प्रचार किया जा रहा है।
— UPSRTC (@UPSRTCHQ) December 12, 2022
इधर परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने अखिलेश यादव के ट्वीट पर कड़ी अपत्ति दर्ज की है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर अखिलेश लगातार फेक पोस्ट करते रहते हैं। कुछ माह पहले ही उन्होंने एक फोटो पोस्ट की थी, जिसमें बनारस में वरुणा नदी गंदगी और जलकुंभी से पटी हुई दिख रही थी, जबकि वो फोटो उन्हीं के कार्यकाल में खींची गयी थी। वहीं आज उन्होंने रायबरेली डीपो की एक क्षतिग्रस्त बस की तस्वीर को यात्री बस बताकर पोस्ट की है, जबकि हकीकत ये है कि उक्त बस क्षेत्रीय कार्यशाला लखनऊ में मरम्मत के लिए आ रही थी। इस दौरान बस में एक भी यात्री नहीं था। अखिलेश को ट्विटर की राजनीति करने से बाज आना चाहिए।