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UP: आजमगढ़ नहीं, बल्कि  इस सीट से चुनाव लड़ने का लिया अखिलेश ने फैसला, तो BJP ने कहा- गलतफहमी छोड़ दें कि आप जीत पाएंगे

Akhilesh yadav

नई दिल्ली। जब से उत्तर प्रदेश में चुनावी बिगुल बजा है, तभी से इस बात को लेकर कयास तेज हो गए थे कि आखिर सपा प्रमुख अखिलेश यादव कहां से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। पहले तो खबर आई कि वो आजमगढ़ से चुनावी हुंकार भर सकते हैं, लेकिन अब बताया जा रहा है कि वे आजमगढ़ नहीं, बल्कि मैनपुरी की करहल सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। बता दें कि उन्होंने यह फैसला आज पार्टी नेताओं की अगुवाई में संपन्न हुई बैठक के बाद लिया है। पार्टी ने उन्हें मैनपुरी की करहल सीट से चुनाव में उतरने का सुझाव दिया है। माना जा रहा है कि पार्टी ने यह फैसला जागितगत समीकरण समेत अन्य सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए लिया है। अब देखना होगा कि पार्टी नेताओं द्वारा चला गया यह दांव कितना सफल हो पाता है। अखिलेश के मैनपुर के करहल सीट से चुनाव लड़ने की जानकारी सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने मीडिया से बातचीत के दौरान दी है। वर्तमान में सोबरन सिंह यादव इस सीट से विधायक हैं। वे 1993 से यहां से चुनाव जीतती हुई आ रही है। अब इसी सीट से अखिलेश यादव को उतारने का फैसला लिया गया है। अब ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में यहां की सियासी स्थिति क्या रुख अख्तियार करती है।

वहीं, अखिलेश यादव के इस फैसले पर बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अगर उन्हें लगता है कि मैनपुरी सीट से उनके लिए सियासी दृष्टिकोण से महफूज रहेगी, तो वो यह गलतफहमी दूर कर लेंगे। उन्होंने कहा कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव भी उन्होंने अपने पिता मुलायम सिंह यादव के अपील करने के बाद बेहद ही दुश्वारियों का सामना करने के बाद ही जीता है।


उन्होंने कहा कि मैं यह पूरे विश्वास के साथ कहता हूं कि बीजेपी उनकी साइकिल को पंचर कर देगी, ताकि उनका एक्सप्रेस वे लखनऊ तक न पहुंच पाए।  खैर, अखिलेश यादव द्वारा इस तरह बदले फैसले ने सियासी गलियारों में सभी के होश फाख्ता करके रख दिए हैं। अब ऐसे में अखिलेश यादव द्वारा बदला गया यह फैसला आने वाले दिनों में चुनावी दृष्टिकोण से कितना फायदेमंद साबित हो पाता है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा।

बहरहाल, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उत्तर प्रदेश में चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के मुताबिक सात चरणों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। नतीजों की घोषणा आगामी 10 मार्च को होने जा रही है। ऐसी स्थिति में सत्ता का ऊंट किस करवट बैठता है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा। वर्तमान में सभी सियासी दलों के सूरमा सूबे के आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाते हुए नजर आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में किसके हाथ सफलता लगेगी। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा।

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