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रासुका के तहत जेल में बंद डॉक्टर कफील खान को मिली इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत

नई दिल्ली। गोरखपुर के डॉक्टर कफील खान (Kafeel Khan) जिनपर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में सीएए के विरोध में भड़काऊ बयान देने का आरोप है, उन्हें अब इलाहबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) से जमानत मिल गई है। बता दें कि कफील खान पर यूपी सरकार (UP Government) ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की थी। जिसको लेकर इलाहबाद कोर्ट ने अब गलत बताया है।

कोर्ट ने उनपर लगाए गए एनएसए को गलत बताते हुए हटा दिया है। यह आदेश चीफ जस्टिस गोविन्द माथुर और जस्टिस एसडी सिंह की खंडपीठ ने डॉ कफील खान की मां नुजहत परवीन की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दिया है। बता दें कि डॉक्टर कफील (Kafeel Khan) को 30 जनवरी 2020 को मुंबई से गिरफ्तार किया गया था।

आरोप लगा था कि 12 दिसंबर को कफील खान ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में सीएए पर भड़काऊ भाषण दिया था। धार्मिक भावनाओं को भड़काने के आरोप में भी कफील खान पर एफआईआर दर्ज हुई थी। फिलहाल कफील खान मथुरा जेल में बंद हैं। फरवरी में उनकी जमानत पर रिहाई होनी थी लेकिन रासुका लगने की वजह से रिहाई नहीं हुई थी।

गौरतलब है कि 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से डॉक्टर कफील खान की मां की अर्ज़ी पर 15 दिन में फैसला लेने को कहा था। डॉ. कफील अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों के दौरान भड़काऊ बयान देने के आरोप में एनएसए के तहत जेल में बंद हैं। उनके ऊपर तीन बार एनएसए बढ़ायी गई है।

इससे पहले डॉ. कफील की पत्नी ने ट्विटर पर अपने पति की रिहाई को लेकर 4 अगस्त को एक मुहिम भी चलाई थी, जिसे लोगों का काफी समर्थन मिला था। डॉ. कफील की पत्नी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर डॉ. कफील के समर्थन में गुहार लगा चुकी है। उन्हें कथित रूप से CAA के विरोध के बीच 13 दिसंबर, 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में एक भड़काऊ भाषण देने के लिए इस साल जनवरी में मुंबई से गिरफ्तार किया गया था।

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