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जम्मू-कश्मीर में परिवारवाद की राजनीति करने वालों पर बरसे अमित शाह, फारुख अब्दुल्ला को लगाई फटकार

amit shah and faruq

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। अनुच्छेद  370 निरस्त होने के बाद यह उनका पहला कश्मीर दौरा है। बीते दिनों जिस तरह से घाटी में आतंकियों ने गैर-कश्मीरियों को निशाना बनाया है, उसे देखते हुए शाह के इस दौरे पर सभी निगाहें टिकी हुई हैं, लेकिन उनके दौरे से पहले जिस तरह नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारुख अब्दुल्ला ने अमित शाह के खिलाफ जहर उगला है, उसे ध्यान में रखते हुए शाह ने फारुख को जमकर फटकार लगाई है। आइए, आपको जम्मू-कश्मीर पहुंचे अमित शाह ने अपने संबोधन में क्या कुछ कहा हैं, उसके बारे बताते हैं, लेकिन उससे पहले आपको ये बताते चले कि शाह घाटी पहुंचने के बाद आतंकवादी हमले में शहीद हुए पुलिसकर्मी के परिजनों से मुखातिब हुए। शाह ने घाटी में सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया और वहां चल रही गतिविधियों की गहन समीक्षा की। वे बीजेपी के स्थानीय नेताओं से भी मुखातिब हुए। इसके बाद उन्होंने अपने संबोधन में धारा 370 का विरोध करने वाले नेताओं को सच का आईना भी दिखाया। आइए, आपको बताते हैं कि उन्होंने अपने संबोधन में क्या कुछ कहा है।

अमित शाह के संबोधन की मुख्य बातें

अमित शाह ने अपने संबोधन में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 के निरस्त किए जाने के बाद वहां की हालिया स्थिति से लोगों को रूबरू करते हुए कहा कि आज घाटी में चौतरफा विकास की बयार बह रही है। युवाओं को रोजगार मिल रहा है। घाटी में कल कारखाने खुल रहे हैं।

दूसरे राज्यों के  व्यापारी यहां व्यापार करने आ रहे हैं, इससे यहां के स्थानीय लोगों को रोजगार मिल रहा है। धारा 370 के निरस्त करने के पूर्व ऐसा नहीं था। लोग यहां निवेश करने से डरते थे, लेकिन ऐतिहासिक फैसला लेने के बाद से निवेशकों के लिए जम्मू-कश्मीर सबसे पसंदीदा स्थल बनता जा रहा है।

पत्थरबाजी हो गए अदृश्य 

अमित शाह ने कहा कि 5 अगस्त 2019 को कश्मीर घाटी से धारा 370 के निरस्त होने के बाद से पत्थरबाज पूरी तरह से अदृश्य हो चुके हैं, क्योंकि अब घाटी के युवाओं को रोजगार मिल चुका है। धारा 370 के निरस्त होने के बाद आतंकी गतिविधियों में शिथिलता आई है, लेकिन अभी-भी कुछ लोग स्थिति को संवेदनशील करने में लगे हैं।

जम्मू-कश्मीर को मिल रहा है सबसे ज्यादा पैसा

शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विकास की रफ्तार को तेज करने के लिए केंद्र की तरफ से सर्वाधिक पैसा दिया जा रहा है, ताकि यहां विकास की रफ्तार में तेजी आए। शिक्षा, चिकित्सा व रोजगार पर सरकार का मुख्य ध्यान है, ताकि घाटी में विकास की बयार बहाई जा सकें।

परिवारवाद की राजनीति पर बोला हमला

इसके अलावा शाह ने पिछले कई दशकों से घाटी में जारी फारुख अब्दुल्ला की शह पर फलीभूत हो रही पारिवारवाद की राजनीति पर कहा कि धारा 370 के निरस्त होने के बाद इस पर पूरी तरह से चोट लगा है। उन्होंने फारुख अबदुल्ला पर निशाना साधते हुए कहा कि ’70 साल में देश को क्या मिला ये मैं कहना नहीं चाहता. लेकिन 70 साल में कश्मीर को 6 सांसद और तीन परिवार मिले थे. देश की आजादी के बाद 70 साल तक लोकतंत्र परिवारवाद की गिरफ्त में था.’

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