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आप क्रोनोलॉजी समझिए… : अमित शाह ने पेगासस लीक की टाइमिंग पर खड़े किए सवाल

नई दिल्ली। पेगासस निगरानी मामले में अब गृह मंत्री अमित शाह फ्रंटफुट पर आकर विरोधियों को करारा जवाब दे रहे हैं। बता दें कि सोमवार को सदन में भी इस मामले पर विपक्ष द्वारा किए गए हंगामे को लेकर पलटवार किया है। उन्होंने हंगामे को लेकर कहा कि, अवरोध पैदा करने वाले लोग अपनी साजिशों से भारत के विकास पथ को पटरी से नहीं उतार पाएंगे। इस बार मानसून सत्र प्रगति के नए परिणाम देगा। सदन ना चलने देने की मंशा को सत्ता पक्ष साफ तरीके से समझ गया है।  उन्होंने कहा कि, घटनाओं के तथ्य और क्रम पूरे देश को देखने और समझने के लिए सामने हैं। आज संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ। इस दौरान अमित शाह ने पेगासस मामले पर भी विपक्ष पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि, “कल देर शाम हमने एक रिपोर्ट देखी, जिसे केवल एक ही उद्देश्य के साथ कुछ वर्गों द्वारा शेयर किया गया है।”

क्रोनोलॉजी समझिए..

अमित शाह ने कहा कि, “लोगों ने अक्सर मेरे साथ इस वाक्यांश (आप क्रोनोलॉजी समझिए) को गंभीरता से ना लेकर, हल्के-फुल्के अंदाज में जोड़ा है, लेकिन आज मैं गंभीरता से इसकी क्रोनोलॉजी समझाना चाहता हूं।” उन्होंने पेगासस पर कहा कि, ”इस तथाकथित रिपोर्ट के लीक होने का समय और फिर संसद में विपक्ष द्वारा हंगामा, इसे आपस में जोड़कर देखने की आवश्यकता है। यह एक विघटनकारी वैश्विक संगठन हैं जो भारत की प्रगति को पसंद नहीं करता है। इस तरह का कार्य विश्व स्तर पर भारत को अपमानित करने, हमारे राष्ट्र के बारे में वही पुराने अवधारणाओं को आगे बढ़ाने और भारत के विकास पथ को पटरी से उतारने के लिए किया गया।

कांग्रेस पर शाह बोले

कांग्रेस पर शाह ने कहा कि, बिना पतवार वाली कांग्रेस को देखने के लिए, इस मामले में कूदना कोई नई बात नहीं है। उनके पास लोकतंत्र को कुचलने का अच्छा अनुभव है और उनका अपना घर ठीक नहीं होने के कारण, वे अब संसद में आने वाली किसी भी प्रगतिशील चीज को पटरी से उतारने की कोशिश कर रहे हैं।

विपक्ष के हंगामे पर शाह ने कहा कि, जब प्रधानमंत्री लोकसभा और राज्यसभा में अपने मंत्रिपरिषद का परिचय कराने के लिए उठे, जो एक अच्छी तरह से पहले से चली आ रही परिपाटी का हिस्सा है, ऐसे में विपक्ष ने दोनों सदनों में गतिरोध पैदा किया। क्या यह संसदीय मानदंडों के लिए उनका सम्मान है? यही व्यवहार तब भी जारी रहा जब आईटी मंत्री इस मुद्दे पर बोल रहे थे।

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