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Assam-Mizoram Border: अमित शाह की मध्यस्थता आई काम, असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद के समाधान की बढ़ी उम्मीद

आइजॉल। असम और मिजोरम के बीच जारी सीमा विवाद के समाधान की उम्मीद बढ़ गई है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की पहल से यह उम्मीद जगी है। दोनों राज्य शाह के बताए फॉर्मूले पर राजी हो गए हैं। मिजोरम के सीएम जोरमथंगा ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।

उन्होंने लिखा है कि अमित शाह और असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा से टेलीफोन पर बातचीत हुई। दोनों राज्यों ने सीमा विवाद को हल करने के लिए बातचीत करने का फैसला किया है। जोरमथंगा ने मिजोरम के लोगों से अपील भी की है कि वे हालात को गंभीर न होने देने के लिए सोशल मीडिया पर संवेदनशील मैसेज वगैरह न करें।

असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद करीब 150 साल पुराना है। पहले यह पूरा इलाका असम राज्य था। बाद में अलग-अलग राज्य बनाए गए। मिजोरम ने इसके बाद कुछ ऐसे इलाकों को अपना बताया, जिन्हें असम भी अपना कहता है। बीते दिनों दोनों राज्यों के बीच विवाद ने उस वक्त गंभीर रूप ले लिया, जब मिजोरम पुलिस की फायरिंग से असम के छह पुलिसवालों की जान चली गई।

इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीमा विवाद वाले इलाकों में केंद्रीय बलों की तैनाती की थी। जबकि, असम ने अपने नागरिकों से मिजोरम का दौरा टालने के लिए कहा था। अब दोनों राज्य बातचीत से मसले को सुलझाने की दिशा में आगे बढ़े हैं। असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा पहले ही मुद्दे का हल बातचीत से निकालने का प्रस्ताव मिजोरम को दे चुके थे। गृहमंत्री अमित शाह की पहल से बातचीत करने के लिए मिजोरम के सीएम जोरमथंगा भी तैयार हुए हैं।

वहीं असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने भी इस सीमा विवाद के सुलझने की जानकारी दी और ट्वीट किया। साथ ही इस बात की भी जानकारी दी कि कैसे दोनों सीमाओं से सैनिकों को हटाया जा रहा है।

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