जालंधर। अमृतपाल सिंह भगोड़ा है। उसका पता अब तक पंजाब पुलिस नहीं लगा सकी है। अब ये खबर सामने आई है कि बीते शनिवार को अमृतपाल सिंह जालंधर के एक गांव के गुरुद्वारा गया था। वहां वो करीब 45 मिनट रुका था। इसी गुरुद्वारा में भेष बदलने के बाद अमृतपाल सिंह बाइक पर बैठकर फरार हुआ। अंग्रेजी अखबार ‘इंडियन एक्सप्रेस’ से बातचीत में नांगल अंबियां गुरुद्वारा के ग्रंथी रणजीत सिंह ने ये जानकारी दी है। रणजीत सिंह ने अखबार को बताया कि उनको पता नहीं था कि पुलिस अमृतपाल सिंह को तलाश रही है। उनके मुताबिक अमृतपाल शनिवार दोपहर करीब 1 बजे गुरुद्वारा आया था और वहां से 1.45 बजे चला गया था। अमृतपाल को ग्रंथी रणजीत सिंह और उनके घरवालों ने कपड़े दिए थे।
रणजीत सिंह ने अखबार को बताया है कि जब अमृतपाल सिंह अपने साथियों के साथ नांगल अंबियां गुरुद्वारा आया, तो वो चिंता में पड़ गए थे। उनको लगा था कि अमृतपाल यहां हंगामा करने आया है। रणजीत सिंह ने बताया कि अमृतपाल के साथ 4 साथी भी थे। उन्होंने कहा कि एक कार्यक्रम में जा रहे हैं। इसके लिए कुछ कपड़े चाहिए। ग्रंथी के मुताबिक अमृतपाल सिंह की बात सुनकर उनको अचंभा हुआ, लेकिन जैसा उन्होंने कहा वैसा किया और अपने बेटे के कपड़े उसे दिए। अमृतपाल सिंह ने रणजीत सिंह से लंबी पैंट मांगी थी। रणजीत सिंह के मुताबिक अमृतपाल सिंह के साथ आए लोग मोबाइल फोन पर किसी से माहौल की जानकारी ले रहे थे, लेकिन उस वक्त उनको कोई शक नहीं हुआ।
रणजीत सिंह ने अखबार को बताया कि अमृतपाल सिंह ने उनसे पूछा कि क्या उनका मोबाइल इस्तेमाल कर सकता है। इस पर उन्होंने फोन उसे दे दिया। कुछ देर बाद अमृतपाल ने फोन वापस कर दिया और चला गया। वहीं, रणजीत सिंह की पत्नी नरिंदर कौर ने अखबार ‘द ट्रिब्यून’ को बताया कि अमृतपाल सिंह ने अपनी भगवा और नीली पगड़ी उतार दी थी। इसके बाद घर में मौजूद दूसरे रंग की पगड़ी पहनी और फिर गुरुद्वारा से चला गया।