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A K Antony’s Wife Statement: ‘BJP से मुझे नफरत थी, लेकिन फिर..’, अनिल एंटनी की मां ने बेटे के भाजपा ज्वाइन करने पर किया बड़ा खुलासा

नई दिल्ली। राजनीति में बयानों की अपनी अहम भूमिका होती है। हर बयानों के दूरगामी निहितार्थ निकलकर सामने आते हैं, जो कि किसी भी राजनेता की दिशा व दशा तय करते हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस नेता एके एंटनी की पत्नी एलिजाबेथ एंटनी द्वारा दिया गया बयान एकाएक सुर्खियों में आ गया है। उनका वीडियो भी काफी तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वो अपने बेटे के बीजेपी में शामिल होने के कदम को बिल्कुल सही ठहराती हुई नजर आ रही हैं। इतना ही नहीं, वो अपने बेटे के बीजेपी में शामिल होने के कदम को अपने द्वारा किए गए प्रार्थना के उत्तर के रूप में देखती हैं। अब उनके बयान से स्पष्ट जाहिर होता है कि वो पिछले कई दिनों से अपने बेटे के बीजेपी में शामिल होने की दुआ मांग रही थी। बता दें कि बीते दिनों कांग्रेस नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को लेकर उपजे विवाद के दौरान बीजेपी का दामन थाम लिया था, जिसके बाद उनके परिवार में कलह भी हुआ था, जिसकी पुष्टि उनके छोटे भाई व एके एंटनी के छोटे बेटे ने की थी।

एलिजाबेथ ने दावा किया कि उनकी प्रार्थनाओं की वजह से उनके बेटे को बीजेपी में शामिल होने का मौका मिला। इससे उनके बेटे को राजनीति में नया अवसर मिलेगा, जो कि आगामी दिनों में उनके बेटे की राजनीतिक समृद्धि का कारण बनेगा। उन्होंने आगे कहा कि मेरे दोनों बेटे राजनीति में आना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस ने मेरे बेटे के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर मुझे और मेरे परिवार को झटका दिया है।

वहीं, एलिजाबेथ ने अपने पति एके एंटनी पर भी आरोप लगाया, जिसमें उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस ने मेरे बेटे के खिलाफ राजनीति में रोड़ा अटकाने के मकसद से प्रस्ताव पारित किया, तो मेरे पति ने कोई कदम नहीं उठाया। मुझे यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि अगर मेरे पति ने कोई कदम उठाया होता, तो आज यह स्थिति पैदा नहीं होती।

एलिजाबेथ ने कहा कि बीते दिनों मेरे बेटे ने फोन कर कहा कि मुझे पीएमओ से फोन आया है। मुझे बीजेपी में शामिल होने का ऑफर दिया गया है। इसके बाद अनिल एंटनी ने बीजेपी का दामन थाम लिया, जो कि मेरे पति के लिए किसी से झटके से कम नहीं था। मैंने अपने बेटे से कह दिया कि अपने निजी हित के संदर्भ में लिए जाने वाले हर फैसले के लिए पूरी स्वतंत्र है। वहीं, एलिजाबेथ द्वारा उठाया गया यह कदम अभी खासा सुर्खियों में है। जिस पर चर्चाओं का बाजार गुलजार है। इस बयान के अलग-अलग सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।

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