News Room Post

Uttar Pradesh: मुख्तार अंसारी का एक और पैंतरा फेल, मोहाली कोर्ट ने खारिज किए खराब सेहत के दावे

Mukhtar Ansari don

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट द्वारा पंजाब सरकार के खिलाफ मुख्तार अंसारी को लेकर आए फैसले ने पहले ही बाहुबली की मुश्किल बढ़ा दी थी। ऊपर से अदालत तक जिस एंबुलेंस से मुख्तार अंसारी पहुंचे थे उसको लेकर भी बवाल बढ़ा। वहीं अब उनके द्वारा अदालत के सामने किए गए खराब सेहत के दावे को भी कोर्ट ने तगड़ा झटका दिया है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट की तरफ से मुख्तार अंसारी को दो हफ्ते में पंजाब से उत्तर प्रदेश की जेल में शिफ्ट करने का फैसला सुनाया गया था जिसके बाद से ही सियासी हलचल तेज हो गई थी। पंजाब सरकार द्वारा मुख्तार अंसारी को संरक्षण देने की बात कहकर यूपी सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। जहां सुप्रीम कोर्ट ने फैसला यूपी सरकार के पक्ष में दिया और दो हफ्ते में बाहुबली मुख्तार को यूपी की जेल में शिफ्ट करने का फैसला सुना दिया।

वहीं इसके बाद उत्तर प्रदेश के बाहूबली डॉन मुख्तार अंसारी अपनी खराब सेहत का हवाला देकर पंजाब के मोहाली कोर्ट में दाखिल हुए थे लेकिन यहां भी उनको झटका लगा। कोर्ट ने मुख्तार अंसारी के उन सभी दावों को खारिज कर दिया है जिसमें मुख्तार ने अपनी खराब सेहत का हवाला दिया था। दरअसल मोहाली कोर्ट से मुख्तार अंसारी ने मांग की थी कि उनके लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाए लेकिन अदालत ने इस मांग को खारिज कर दिया।

दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को पंजाब की जेल से उत्तर प्रदेश में भेजने का निर्देश दिया है और मुख्तार उत्तर प्रदेश में जाने से बचने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रहा है। इतना ही नहीं, मोहाली कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को 12 अप्रैल के दिन उत्तर प्रदेश की जेल से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रंगदारी के एक मामले में पेश होने के लिए कहा है। मुख्तार अंसारी पंजाब में रंगदारी के एक मामले के आरोप में जेल में बंद है।

मुख्तार अंसारी को यूपी लाने के फैसले से घबराई पत्नी, राष्ट्रपति को पत्र लिखकर की हस्तक्षेप की मांग

जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की पत्नी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) को पत्र लिखकर उनसे हस्तक्षेप करने और पति की पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। अफ्सा अंसारी ने कहा कि उन्हें अपने पति मुख्तार की जान को खतरे का डर है, जब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उन्हें पंजाब से उत्तर प्रदेश स्थानांतरित करने का आदेश दिया। बुधवार को कोविंद को भेजे गए 14 पन्नों के एक पत्र में, अफ्सा अंसारी ने दावा किया कि झूठी कहानी गढ़कर उनके पति को मुठभेड़ में मार दिया जा सकता है, अगर यूपी पुलिस के अधिकारियों को मुख्तार की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार बनाए बिना उन्हें पंजाब से लाने की अनुमति दी जाती है। लखनऊ में हुई मुठभेड़ में शार्पशूटर गिरधारी की हाल ही में हत्या और 2018 में बागपत जेल में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या में मुख्तार के साथ सह-अभियुक्त मुन्ना बजरंगी की हत्या का जिक्र करते हुए, उन्होंने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के कर्मियों की मांग की, ताकि ये मुख्तार को पंजाब से उत्तर प्रदेश लाए जाने के दौरान यूपी पुलिस टीम के साथ रहे।

उन्होंने आगे आरोप लगाया कि जेल में बंद एमएलसी बृजेश सिंह, उनके भतीजे और विधायक सुशील सिंह और त्रिभुवन सिंह जैसे माफिया डॉन भी मुख्तार की हत्या की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 16 वर्षों में मुख्तार की हत्या करने के पांच प्रयास किए गए हैं।

 

उन्होंने कहा, “भाजपा विधायक अलका राय और मुख्तार के कुछ राजनीतिक विरोधी राज्य सरकार पर दबाव बढ़ा रहे हैं, जिसके कारण कुछ वरिष्ठ अधिकारी मेरे पति को मारने की साजिश रच सकते हैं।”

अंसारी की पत्नी ने यह भी कहा कि उनके परिवार की कई संपत्तियों को नष्ट कर दिया गया है और उनके बेटे को (राष्ट्रीय स्तर का शूटर) झूठे मामलों में फंसा करके उसका करियर बिगाड़ दिया गया है।

निजी एंबुलेंस को लेकर बुरे फंसे मुख्तार अंसारी, पूछा गया-UP की एंबुलेंस वहां कैसे पहुंची?

जाब पुलिस ने बुधवार को यूपी के मऊ से बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को मोहाली की कोर्ट में पेश किया। इस दौरान मुख्तार एक निजी एंबुलेंस से कोर्ट तक पहुंचा। अब इस एंबुलेंस को लेकर राजनीतिक दलों की तरफ से सवाल खड़े किए जा रहे हैं। बता दें कि जिस एंबुलेंस से मुख्तार कोर्ट तक पहुंचा था उसका रजिस्ट्रेशन बाराबंकी में श्याम सन अस्पताल के नाम से मिला है। हालांकि इस एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन 5 साल पहले ही खत्म हो चुका है। इतना ही नहीं, जिस अस्पताल के नाम से एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन हुआ है, उस नाम से कोई अस्पताल ही नहीं है। बता दें कि परिवहन विभाग में एंबुलेंस मालिक का जो नंबर दिया गया है, वो भी गलत है। ऐसे में अब भाजपा विधायक अलका राय ने सवाल उठाए हैं।

गौरतलब है कि कृष्णानंद राय की पत्नी व गाजीपुर की मुहम्मदाबाद विधानसभा से भाजपा विधायक अलका राय ने कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा है। अलका राय ने आरोप लगाते हुए कहा है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की सरकार(पंजाब की कांग्रेस की सरकार) माफिया डॉन मुख्तार को बचाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है।

राय ने आरोप लगाया है कि मुख्तार अंसारी को तथाकथित जिस एंबुलेंस में कोर्ट में लाया गया वह एंबुलेंस अंसारी को किसने मुहैया कराई? बता दें कि अलका राय ने इस मामले की जांच की मांग की है। अलका राय का कहना है कि, यह एंबुलेंस थी या माफ़िया डॉन की लग्जरी गाड़ी, जांच इसकी भी होनी चाहिए। आखिर यह गाड़ी किन हालातों में पंजाब पहुंची जोकि UP के रजिस्ट्रेशन के नम्बर की है। यह एक बड़ा सवाल है कि आखिर माफिया डॉन कैसे इस गाड़ी पर घूम रहा है?

रजिस्ट्रे​​​​​​शन की मियाद 2015 में ही खत्म

बता दें कि बाराबंकी ARTO विभाग के सूत्रों से जानकारी मिली है कि बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी जिस एंबुलेंस (UP41 AT 7171) पर सवार होकर मोहाली की अदालत में पहुंचा था उसका रजिस्ट्रे​​​​​​शन 2015 में ही खत्म हो चुका है। इसके साथ ही इस एंबुलेंस का फिटनेस सर्टिफिकेट भी 2017 में एक्सपायर हो चुका है। हद तो ये है कि बाराबंकी स्वास्थ्य विभाग के पास भी इस एंबुलेंस को लेकर कोई जानकारी नहीं है।

Exit mobile version