आगरा। यूपी के आगरा शहर स्थित ताजमहल को देखने हर साल लाखों की संख्या में देश-विदेश के सैलानी आते हैं। ताजमहल को हमेशा आतंकियों वगैरा से खतरा रहा है। ऐसे में यहां स्थानीय पुलिस के साथ ही सीआईएसएफ को भी तैनात किया गया था। अब ऑपरेशन सिंदूर के बाद ताजमहल में एंटी ड्रोन सिस्टम भी लगाया गया है। पाकिस्तान ने जिस तरह बीते दिनों ड्रोन से हमले की कोशिश की, उसे देखते हुए ताजमहल की सुरक्षा को और चाक-चौबंद करने के लिए ही परिसर में एंटी ड्रोन सिस्टम लगाने का फैसला किया गया। एंटी ड्रोन सिस्टम को चलाने के लिए ताजमहल की सुरक्षा में तैनात जवानों को ट्रेनिंग भी दी गई है।
#आगरा स्थित #ताजमहल की सुरक्षा के लिए एंटी ड्रोन सिस्टम इंस्टॉल कर दिया गया है। यह सिस्टम ताज के 500 मीटर के दायरे में उड़ने वाले किसी भी ड्रोन को रडार सिस्टम से पहचान कर नष्ट करेगा। इसके लिए #पुलिस और सीआईएसएफ के कर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया गया है। #TajMahal pic.twitter.com/KU7gNLmP5u
— AIR News Lucknow (@airnews_lucknow) May 31, 2025
ताजमहल में जो एंटी ड्रोन सिस्टम लगाया गया है, उसकी रेंज 8 किलोमीटर है। इस एंटी ड्रोन सिस्टम के साथ रडार भी लगाया गया है। जो छोटे से छोटे ड्रोन की पहचान भी कर लेता है। ताजमहल में लगाए गए एंटी ड्रोन सिस्टम में स्थानीय पुलिस और सीआईएसएफ के 1-1 कर्मचारी शिफ्ट में ड्यूटी देंगे। ताजमहल के आसपास 500 मीटर तक ड्रोन उड़ाना मना है। जबकि, कई बार यहां ड्रोन उड़ाए जाने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। दरअसल, विदेशी पर्यटकों को नियम का पता नहीं है। इस वजह से वे ड्रोन के जरिए ताजमहल का वीडियो बनाने की कोशिश करते हैं। ऐसे में काफी वक्त से ताजमहल परिसर में एंटि ड्रोन सिस्टम लगाने के बारे में सोचा गया। अब पाकिस्तान की हरकतों को देखते हुए ताजमहल परिसर में सिस्टम लगाया गया है।
ताजमहल में लगाए गए एंटी ड्रोन सिस्टम को शुक्रवार को टेस्ट किया गया। आगरा के दशहरा घाट से एक ड्रोन उड़ाया गया। इसे ताजमहल की ओर भेजा गया। ताजमहल में लगे एंटी ड्रोन सिस्टम के रडार ने तत्काल ड्रोन की पहचान कर ली। फिर ड्रोन को गिरा दिया गया। इस पूरी कवायद में 1 मिनट से भी कम वक्त लगा। ताजमहल में जो एंटी ड्रोन सिस्टम लगाया गया है, वो किसी भी ड्रोन के सिस्टम को जाम कर देता है। इससे ड्रोन उड़ाने वाले का इससे संपर्क टूट जाता है और ड्रोन जमीन पर आ जाता है। इस तरह ताजमहल की सुरक्षा और अभेद्य कर दी गई है। इससे पहले यमुना नदी की तरफ से स्पीड बोट्स के जरिए ताजमहल की निगरानी की व्यवस्था की गई थी।