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Pollution In Delhi: दिल्ली सरकार के 50 फीसदी कर्मचारी करेंगे घर से काम, एक्यूआई सुधरने के बावजूद गंभीर स्तर का प्रदूषण बरकरार

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के शहरों में जबरदस्त प्रदूषण है। इस प्रदूषण की वजह से स्कूल-कॉलेज और यूनिवर्सिटी तक ऑनलाइन क्लास चला रहे हैं। दिल्ली में बुधवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई 422 मापा गया। ये मंगलवार के मुकाबले कम है, लेकिन फिर भी गंभीर श्रेणी का प्रदूषण अभी दिल्ली और आसपास बना हुआ है। ऐसे में दिल्ली सरकार ने तय किया है कि उसके कर्मचारियों में से 50 फीसदी अगले आदेश तक घर से काम करेंगे। इस बारे में सबकुछ तय करने के लिए आज दोपहर दिल्ली सरकार की अफसरों के साथ मीटिंग होने जा रही है। दिल्ली के मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को कहा था कि राजधानी में गाड़ियों के ऑड-ईवन सिस्टम को भी लागू करने का विचार हो रहा है।

दिल्ली में मंगलवार को 15 इलाकों में एक्यूआई 500 से ऊपर चला गया था। वहीं, पंजाब और यूपी में सैकड़ों जगह पराली जलाए जाने की खबरें आई थीं। इसके बाद मंत्री गोपाल राय ने मीडिया से कहा था कि उन्होंने दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराने के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को एक बार फिर चिट्ठी लिखी है। दिल्ली सरकार का कहना है कि पहले भी कृत्रिम बारिश कराने के लिए केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी जा चुकी है। गोपाल राय ने पीएम नरेंद्र मोदी से भी गुजारिश की है कि वो हस्तक्षेप करें, ताकि दिल्ली के लोगों को गंभीर प्रदूषण से हो रहे खतरे से बचाया जा सके। दिल्ली में हर साल की तरह इस साल भी ठंड की शुरुआत से ही लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी के किसानों की ओर से पराली जलाए जाने और दिल्ली में दूसरे राज्यों की डीजल गाड़ियों के आने से सबसे ज्यादा प्रदूषण होता है।

दिल्ली के प्रदूषण का मसला हर बार सुप्रीम कोर्ट में भी गूंजता है। इस बार भी सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और आसपास प्रदूषण के मामले में सुनवाई कर कई निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने ये तक कहा है कि पूरे साल दिल्ली में आतिशबाजी पर रोक के लिए कदम उठाए जाएं। हालांकि, दिल्ली और आसपास प्रदूषण के लिए आतिशबाजी का जलना कितना जिम्मेदार है, ये अभी तय नहीं है। इस साल दिवाली को बीते बहुत दिन हो गए हैं, लेकिन इसके बावजूद अब तक गंभीर प्रदूषण की हालत बनी हुई है। अब सबको यही उम्मीद है कि तेज हवा चले और बारिश हो। ताकि प्रदूषण से लोगों का बचाव हो सके।

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