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Assad Encounter: कभी असद ने देखा था ये ख्वाब, लेकिन पिता अतीक की काली करतूतों की वजह से रह गया अधूरा

नई दिल्ली। यूपी एसटीएफ ने आज माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और मकसूदन के बेटे गुलाम को झांसी में एनकाउंटर में ढेर कर दिया। उमेश पाल हत्याकांड मामले में दोनों आरोपी पिछले दो माह से पुलिस के साथ लुका-छुप्पी खेल रहे थे। दोनों के ऊपर पुलिस की तरफ से पांच लाख का इनाम भी घोषित किया गया था, लेकिन इसके बावजूद भी दोनों पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ पाए। वहीं, बीते बुधवार को माफिया अतीक से दोनों के बारे में जब सवाल किया गया, तो अतीक ने कहा कि मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता है, क्योंकि मैं तो जेल में हूं। उधर, आज जैसे ही अतीक को अपने बेटे के एनकाउंटर के बारे में पता लगा, तो वो कोर्ट में फफक-फफक कर रोने लगा। इतना ही नहीं, माफिया कोर्ट में ही बेसुध हो गया। उधर, कोर्ट से रवाना होते वक्त आक्रोशित वकीलों ने भी अतीक और उसके भाई अशरफ को चप्पलों से पीटा, लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस ने दोनों को बचा लिया। बता दें कि कोर्ट ने दोनों को सात दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। हालांकि, पुलिस की तरफ से  14 दिनों की न्यायिक हिरासत की मांग की गई थी, लेकिन सिर्फ सात दिनों की ही हिरासत मिली।

उधर, एसटीएफ एनकाउंटर में मारे गए असद के बारे में बात करें, तो उसने क्राइम की दुनिया का अ से अनार अपने चाचा अशरफ से सीखा था, जो कि उमेश पाल हत्याकांड मामले में पुलिस की गिरफ्त में है। इतना ही नहीं, उसने कभी विदेश में जाकर पढ़ाई करने का सपना भी देखा था, लेकिन उसके पिता के काले कारनामों ने उसके सपनों पर पानी फेर दिया। बता दें कि असद को अपने पिता के आपराधिक रिकॉर्ड की वजह से पासपोर्ट नहीं मिला और उसका विदेश जाने का सपना महज सपना ही रह गया। वहीं विदेश ना जाने के बाद उसने अपने आपको आपराध की दुनिया में झोंक दिया। इसके बाद वो रंगदारी और अपहरण के मामलों में शामिल हो गया। इतना ही नहीं, बताया जाता है कि कई मौकों पर उसने कानून व्यवस्था को भी ठेंगा दिखाने से गुरेज नहीं किया।

गौरतलब है कि उमेश पाल हत्याकांड मामले में माफिया अतीक अहमद, पत्नी शाइस्ता परवीन पर 3, बेटे अली पर 4, बेटे उमर पर केस दर्ज किया गया। इससे पहले माफिया पर 100 से भी अधिक मामले में केस दर्ज है। अतीक के दो बेटे नाबालिग हैं। उमेश पाल हत्याकांड में नाम आने के बाद दोनों नाबालिग बेटों को बाल सुधार गृह भेज दिया गया है। उधर, साइस्ता के बारे में खबर है कि वो भी जल्द ही आत्मसमर्पण कर सकती है। बीते दिनों यूपी पुलिस ने उस पर इनाम की राशि भी बढ़ाई थी। बताया जाता है कि असद स्कूल के दिनों में भी अपने पिता के नाम का सहारा लेकर लोगों को डराता धमकाता था। इतना ही नहीं, स्कूल के दिनों में एक प्रतियोगिता में हारने के बाद ना महज जीतने वाली टीम को पीटा था, बल्कि बीच बचाव में आए शिक्षकों पर भी हाथ छोड़ने से गुरेज नहीं किया था। उधर, असद के खिलाफ कोई भी कुछ भी बोलने से गुरेज ही करता था।

वहीं, असद के एनकाउंटर के बाद में यूपी की सियासत भी गरमा गई है। एक तरफ जहां सीएम अखिलेश यादव ने इस एनकाउंटर को फर्जी करार दिया है, तो वहीं दूसरी तरफ सीएम योगी ने एसटीएफ में शामिल उन सभी अधिकारियों की सराहना की है, जिन्होंने असद का एनकाउंटर किया है। इसके बाद सीएम योगी ने इस मामले में अधिकारियों की बैठक भी बुलाई और आगे की रूपरेखा भी तैयार की। उधर, ओवैसी का भी इस बयान आया है, जिसमें उन्होंने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार एनकाउंटर करके संविधान का मजाक उड़ा रही है। ओवैसी ने सवालिया लहजे में कहा कि यह सरकार हमेशा ही मजहब देखकर एनकाउंटर करती है। उन्होंने आगे कहा कि अगर आप लोग एकाउंटर के सहारे ही आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाना चाहते हैं, तो जज को क्यों बैठाया हुआ है, उन्हें हटा दीजिए। बहरहाल, सियासी गलियारों में आ रही इन प्रतिक्रियाओं की वजह से सूबे की राजनीति गरम है। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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