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Rajasthan: पुजारी की हत्या पर मंत्री अशोक चंदाना का बेतुका बयान, कह दी ऐसी बात

Ashok Chandana karauli: मंदिर के पुजारी पर कांग्रेस(Congress) के बड़े नेताओं का न बोलना कांग्रेस पार्टी के सामने बड़ा सवाल बन गया है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि कुछ दिन पहले ही हाथरस(Hathras Case) मामले में कांग्रेस के राहुल गांधी(Rahul Gandhi) और प्रियंका गांधी पीड़िता के परिवार से मिलने पहुंचे थे और योगी सरकार पर सवाल खड़ा कर रहे थे।

Ashok Chandana karauli

नई दिल्ली। राजस्थान के करौली में एक मंदिर के पुजारी को जिंदा जलाकर मार डालने का मामला अब अशोक गहलोत सरकार के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। इसके अलावा उनके मंत्री भी इस मामले में आग में घी डालने जैसा काम कर रहे हैं। बता दें कि इस मामले को लेकर जब मीडिया ने राज्य के मंत्री अशोक चांदना से पूछा कि पुजारी की हत्या पर परिवार से मिलने के लिए पार्टी  के वरिष्ठ नेता क्यों नहीं आए, जबकि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने यूपी के हाथरस में विरोध प्रदर्शन किया था, जवाब में अशोक चांदना ने कहा, ‘ये हाथरस जैसा मामला नहीं है।’ चांदना के इस बयान को लेकर कांग्रेस बैकफुट पर और भाजपा कांग्रेस को लगातार घेरने में लगी हुई है। बता दें कि राजस्थान के करौली में 60 वर्षीय पुजारी को जिंदा जलाए जाने के कुछ दिनों बाद, कांग्रेस नेता और अशोक गहलोत सरकार के मंत्री अशोक चांदना ने इस क्षेत्र का दौरा किया।

बेतुका बयान

एक प्राइवेट न्यूज चैनल ने उनसे पूछा कि पुजारी की हत्या पर परिवार से मिलने के लिए पार्टी  के वरिष्ठ नेता क्यों नहीं आए, जबकि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने यूपी के हाथरस में विरोध प्रदर्शन किया था, जवाब में अशोक चांदना ने कहा, ‘ये हाथरस जैसा मामला नहीं है।’ कांग्रेस पार्टी के बचाव में मंत्री ने यह भी कहा- ‘वहां बात अलग थी, यहां बात अलग है।’

कांग्रेस के सामने सवाल

बता दें, मंदिर के पुजारी पर कांग्रेस के बड़े नेताओं का न बोलना कांग्रेस पार्टी के सामने बड़ा सवाल बन गया है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि कुछ दिन पहले ही हाथरस मामले में कांग्रेस के राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पीड़िता के परिवार से मिलने पहुंचे थे और योगी सरकार पर सवाल खड़ा कर रहे थे। लेकिन कुछ दिन बाद ही राजस्थान के करौली में हुई इस घटना पर कोई भी कांग्रेसी नेता ने कोई भी बयान देना मुनासिब नहीं समझा खड़ा हो रहा है। यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि दोनों राज्यों में स्थिति वास्तव में अलग है। हाथरस मामले के सभी आरोपियों को घटना के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। जबकि, करौली में इस घटना के बाद भी चार आरोपी अब भी गांव के सरपंच के साथ लापता हैं और राज्य में जमीन हड़पने के मामलों में ‘प्रभावशाली लोगों’ की भूमिका पर भी आरोप लगा रहे हैं।

क्या है मामला

राजस्थान के करौली जिले में भूमि विवाद को लेकर पांच लोगों द्वारा कथित तौर पर एक पुजारी को जिंदा जला दिया गया था। जिसके बाद पुजारी के भतीजे ने कहा कि ‘हम पर प्रशासन की तरफ से उनका अंतिम संस्कार करने के लिए दबाव डाला गया। हमने रात में अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया क्योंकि यह हमारे अनुष्ठान में नहीं है। बाद में, वे इसके लिए सहमत हो गए।’

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