News Room Post

Twitter: आईटी मंत्रालय संभालते ही अश्विनी वैष्णव ने ट्विटर को लेकर दिखाए सख्त तेवर, देखिए क्या कहा

Ashwini vaishnav twitter modi

नई दिल्ली। नए आईटी नियमों का पालन करने में ट्विटर की तरफ से लगातार हो रही आनाकानी में अब नए सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपना पद संभालते ही अपने सख्त तेवर दिखा दिए हैं। बता दें कि इससे पहले यह विभाग रविशंकर प्रसाद के पास था। ट्विटर मामले में रविशंकर प्रसाद लगातार चर्चा में बने रहे। ऐसे में बुधवार को मोदी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार से पहले उन्होंने केंद्र को अपना इस्तीफा सौंप दिया। वहीं रात तक यह मंत्रालय अश्विनी वैष्णव को सौंपा गया। बता दें कि इसके साथ ही अश्विनी वैष्णव के पास रेल मंत्रालय भी होगा। वहीं गुरुवार को अपना पद संभालने के बाद अश्विनी वैष्णव ने साफ संदेश देते हुए ट्विटर को सख्त लहजे में कहा है कि, हर हालत में ट्विटर को भारत के कानूनों का पालन करना ही होगा। बता दें कि केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि, ट्विटर को हर हाल में भारत के कानूनों को मानना होगा।

गुरुवार को उन्होंने कहा कि, देश का कानून सर्वोच्च है, और इसे ट्विटर को मानना ही होगा। वहीं बीते मंगलवार को नए आईटी नियमों को लेकर केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच जारी तनाव के बीच दिल्ली हाईकोर्ट में ट्विटर ने इस बात को कबूला है कि, आखिरकार उसने भारत में लाए गए नए ट्विटर के कानूनों के तहत काम नहीं किया है।

गौरतलब है कि, दिल्ली हाईकोर्ट में ट्विटर ने कहा कि भारत सरकार की तरफ से बनाए गए नए आईटी नियमों का पालन कंपनी ने नहीं किया है। वहीं इस पर हाईकोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि, केंद्र सरकार पर ट्विटर पर नियमों के तहत जो कार्रवाई करना चाहती है उसके लिए वो स्वतंत्र है। कोर्ट ने साथ ही यह भी कहा कि, कंपनी को अब सुरक्षा नहीं दी जा सकती।

फिलहाल अदालत की तरफ से सरकार मिली छूट के बाद अब नए सूचना एवं  प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपनी तरफ से संकेत दिया है कि ट्विटर को भारत के कानूनों को मानना ही होगा, इसमें हीलाहवाली नहीं चलेगी। गौरतलब है कि, नौकरशाह-उद्यमी से नेता बने अश्विनी वैष्णव ने बृहस्पतिवार सुबह देश के नए रेल मंत्री के तौर पर कार्यभार संभाला। भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1994 बैच के पूर्व अधिकारी वैष्णव ने 15 वर्ष से अधिक समय तक महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभालीं। उन्हें खासतौर से बुनियादी ढांचे में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) की रूपरेखा बनाने में उनके योगदान के लिए जाना जाता है जो उन्हें रेल क्षेत्र में भी मदद करेगा।

बता दें कि, बुधवार को मोदी सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार किया गया। जिसमें 15 कैबिनेट मंत्री और 28 राज्य मंत्री बनाए गए।

Exit mobile version