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असम-मेघालय में बाढ़ का प्रकोप, करीब 2 लाख की आबादी प्रभावित

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) के अनुसार, धेमाजी, लखीमपुर, दर्रांग, नलबाड़ी, गोलपारा, डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया के 17 राजस्व क्षेत्रों में 229 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।

नई दिल्ली। देश के पूर्वोत्तर भाग में लगातार हो रही बारिश के कारण असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में कई इलाके बाढ़ग्रस्त हो गए हैं। इस बारिश के चलते असम के सात जिलों में करीब दो लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। बता दें कि असम में के अधिकांश हिस्सों में मंगलवार से लगातार बारिश हो रही है। यही हाल मेघालय और अरुणाचल प्रदेश का भी है।

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) के अनुसार, धेमाजी, लखीमपुर, दर्रांग, नलबाड़ी, गोलपारा, डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया के 17 राजस्व क्षेत्रों में 229 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। बाढ़ से कुल 1,94,916 लोग प्रभावित हुए हैं और उनमें से लगभग 9,000 लोग धेमाजी, लखीमपुर, गोलपारा और तिनसुकिया जिलों में स्थापित 35 राहत शिविरों में शरण लिए है।

बाढ़ के कारण हुए नुकसान को लेकर एएसडीएमए ने कहा कि, बाढ़ के कारण लगभग 1,007 हेक्टेयर फसल क्षेत्र जलमग्न हो गया है और लगभग 16,500 घरेलू पशु और मुर्गी प्रभावित हुए हैं। राज्य की अधिकांश नदियां सोनितपुर और नेमाटीघाट (जोरहाट) में क्रमशः जिया भराली और ब्रह्मपुत्र खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

अरुणाचल प्रदेश के दिबांग घाटी जिले के आरजू गांव में एक भूस्खलन के कारण एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। जिसके बाद मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। उन्होंने जिला अधिकारियों को लोगों को बाढ़ और भूस्खलन से बचाने के लिए सुरक्षित क्षेत्रों में ले जाने का निर्देश दिया।

गौरतलब है कि असम और मेघालय में 26 मई से 28 मई तक भारी बारिश के अनुमान के साथ रेड अलर्ट जारी करने वाले भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले कुछ दिनों तक तीनों प्रदेशों की स्थिति गंभीर बनी रहने की संभावना जताई है।

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