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फिर चली AIUDF सांसद बदरुद्दीन अजमल की जुबान, कहा- ‘लिस्ट तैयार है, BJP गिरा देगी 3500 मस्जिदें’

Badruddin ajmal bjp

नई दिल्ली। अक्सर अपने विवादित बयानों के चलतेे सुर्खियों में रहने वाले असम से लोकसभा सांसद और ऑल इंडिया यूनाइडेट डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) बदरुद्दीन अजमल ने फिर से भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए जो कहा है, उससे बवाल खड़ा हो सकता है। दरअसल अजमल का आरोप है कि यदि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार दोबारा केंद्र में आई तो मुस्लिमों को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि, भाजपा की सरकार दोबारा आने से देशभर में 3500 मस्जिदों को ढहा दिया जाएगा। इसके लिए लिस्ट भी तैयार हो गई। गौरतलब है कि बुधवार को अजमल ने धुबरी जिले के गौरीपुर में आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर एक रैली की। इसी रैली के दौरान उन्होंने राज्य की बीजेपी सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगर यह सरकार फिर जीत गई तो मुस्लिम महिलाएं बुर्का पहनकर बाहर नहीं निकल पाएंगी।

बदरुद्दीन अजमल ने बीजेपी पर अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ”देशभर के 3500 मस्जिदों की लिस्ट बीजेपी ने बना रखी है। यदि यह पार्टी फिर केंद्र में सत्ता में आई तो इन सभी मस्जिदों को ढहा दिया जाएगा।” गौरतलब है कि अजमल की पार्टी ऑल इंडिया यूनाइडेट डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) 2005 में बनी। इसको लेकरआम राय है कि इस पार्टी की मुस्लिम वोटर्स के बीच अच्छी पकड़ है। 126 सीटों वाली विधानसभा में AIUDF के 14 विधायक हैं।

बता दें कि राज्य में अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं। अजमल ने मुस्लिमों को आगाह करते हुए कहा कि बीजेपी देश, महिलाएं, मस्जिदों, तलाक और दाढ़ी की दुश्मन है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कि भगवा पार्टी की तरफ से चुनाव से पहले दिए जा रहे पैसे स्वीकार नहीं करें।

अजमल ने कहा कि, ”यदि आप सतर्क नहीं रहे और असम में BJP सत्ता में वापस आई तो वे महिलाओं को बुर्का पहनकर बाहर नहीं निकलने देंगे, दाढ़ी नहीं रखने देंगे, टोपी नहीं पहनने देंगे और यहां तक कि मस्जिदों में अजान नहीं देने देंगे। क्या आप इस तरह जिंदगी जी पाएंगे?”

वहीं अजमल के इस बयान पर भाजपा प्रवक्ता रूपम गोस्वामी ने पलटवार करते हुए कहा कि, ”बयान उनकी घबराहट दिखाती है क्योंकि वह जानते हैं कि इस बार असम में अधिकतर मुस्लिम बीजेपी को वोट करेंगे। इस तरह के सांप्रदायिक बयानों से अजमल वोटों के ध्रुवीकरण की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन असम के मतदाता समझदार हैं और ऐसे बयानों की सच्चाई जानते हैं।”

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