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असम के सांसद बदरुद्दीन अजमल के बालगृह से 300 बच्चे गायब होने का शक, अल-कायदा से सामने आया कनेक्शन

Badruddin Ajmal Pic

नई दिल्ली। शुक्रवार को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने बताया कि उसे असम और मणिपुर में छह बाल गृहों की ओर से धन का गलत तरीके से इस्तेमाल होने की जानकारी मिली है। एक बाल गृह जोकि ‘मरकजुल मारिफ’ नाम की संस्था के तत्वाधान में चल रहा था, उसमें अंतरराष्ट्रीय एनजीओ से पैसे मिले हैं। इसको लेकर चल रही जांच आतंकवादी संगठन अल-कायदा से कथित संबंधों के संदर्भ में हो रही है। बता दें कि आयोग ने जानकारी दी कि उसके निरीक्षण दल की जो डिटेल मिली है उसके अनुसार इन बाल गृहों में 778 बच्चे रह रहे हैं। यह बालगृहों की स्थापना लोकसभा सदस्य मौलाना बदरुद्दीन अजमल द्वारा की गई थी। बता दें कि लोकसभा की वेबसाइट पर दिए गए उनके परिचय में जानकारी दी गई है कि, इन बाल गृहों में 1,010 बच्चे हैं। हालांकि इस मामले को लेकर अजमल की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।

इसपर बाल आयोग ने कहा, ‘मरकजुल मारिफ की वेबसाइट पर कहा गया है कि इन बाल गृहों में 1080 बच्चे हैं। ऐसे में वेबसाइट पर उपलब्ध संख्या को मुकाबले निरीक्षण दल ने इन बाल गृहों द्वारा बताई गई संख्या में अंतर पाया है। इस अंतर की जांच करना और 300 बच्चों के बारे में स्थिति का पता करना जरूरी है।’ आयोग के मुताबिक, निरीक्षण दल ने यह भी सूचित किया है कि इन बाल गृहों में से एक को अंतरराष्ट्रीय एनजीओ आईएचएच से पैसे मिले हैं।

आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि तुर्की से ताल्लुक रखने वाले इस एनजीओ के पदाधिकारियों से वहां के प्रशासन ने अलकायदा से इसके कथित संबंधों को लेकर पूछताछ की थी। एनसीपीसीआर ने यह भी कहा कि वह इसको भी लेकर चिंतित है कि बच्चों के बारे में विवरण अंतरराष्ट्रीय एनजीओ को मुहैया कराया गया होगा। आयोग की रिपोर्ट असम और मणिपुर की सरकारों को सौंपी गई है।

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