नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव का नगाड़ा बज चुका है। राजनीतिक दलों की सेनाएं इस रण को जीतने के लिए तैयार हो चुकी हैं। 10 फरवरी को पहली वोटिंग होने वाली है। ऐसे में यूपी समेत इन 5 राज्यों पर एक नजर दौड़ाना बहुत जरूरी है। क्योंकि इन सारे प्रदेशों में सियासत का रंग अजब-गजब रहा है। वजह ये भी है कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों का क्वार्टरफाइनल इस बार के राज्यों के चुनावों को बताया जा रहा है। पहले बात करते हैं केंद्र में सरकार बनाने में सबसे ज्यादा मदद करने वाले यूपी की। यूपी में 403 सीटें हैं। यहां 2007 से लेकर 2017 तक किसी पार्टी ने लगातार दो बार सत्ता हासिल नहीं की। 2007 में बीएसपी ने बाजी मारी, तो 2012 में सपा ने सत्ता हासिल की। वहीं, 2017 में बीजेपी ने सहयोगियों के साथ विपक्ष को ध्वस्त करते हुए 325 सीटें हासिल कर अपना परचम लहराया।
पड़ोसी राज्य उत्तराखंड की बात कर लेते हैं। 2017 में यहां की 70 मेंबर वाली विधानसभा में बीजेपी ने 57 सीटें जीती थीं और कांग्रेस की इससे पहली रही सरकार को हार का स्वाद चखा दिया था। कांग्रेस को यहां 11 सीटें ही मिल सकी थीं। इस बार बीजेपी और कांग्रेस के अलावा मैदान में आम आदमी पार्टी और बीएसपी भी हैं। इनके अलावा छोटे दल तो हैं ही। अब बीजेपी शासित गोवा की बात कर लेते हैं। गोवा में 40 सीटें हैं। 2017 में कांग्रेस ने 15 सीटें जीतीं, लेकिन बीजेपी ने 13 सीट जीतकर भी गठबंधन के सहारे सरकार बना ली। इस बार बीजेपी के गठबंधन से अलग होकर जीएफपी कांग्रेस के साथ खड़ी है। सवाल ये है कि क्या प्रमोद सावंत दोबारा गोवा के सीएम बनेंगे या सत्ता किसी और के हाथ लगेगी ?
पंजाब आजकल पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में सेंध के कारण बहुत चर्चा में है। यहां विधानसभा की 117 सीटें हैं। पिछली बार कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस ने इनमें से 77 सीटें जीतकर सरकार बना ली थी। इस बार कैप्टन ने कांग्रेस का दामन छोड़ दिया है और बीजेपी के पाले में खड़े हैं। यहां आम आदमी पार्टी भी है। जिसने पिछली बार 20 सीटें हासिल कर मुख्य विपक्ष का तमगा हासिल किया था। पंजाब में कम से कम 59 सीटें जिसे मिलेंगी, वो ही सत्ता संभालेगा। उधर, 60 सीटों वाले मणिपुर में पिछली बार बीजेपी ने 24 और कांग्रेस ने 17 सीटें जीती थीं। बीजेपी ने छोटे दलों से हाथ मिलाकर सरकार बनाई थी। इस बार देखना ये है कि बीजेपी दोबारा सरकार बना पाती है या नहीं।