नई दिल्ली। अतुल सुभाष की मां अंजू देवी को पोते की कस्टडी नहीं मिलेगी, सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा है कि अतुल सुभाष का बेटा अपनी मां निकिता सिंघानिया के पास ही रहेगा। हालांकि शीर्ष अदालत ने अंजू देवी से कहा कि वो बच्चे की कस्टडी की मांग के लिए निचली अदालत में अपील कर सकती हैं। इससे पहले कोर्ट ने सुनवाई के दौरान अतुल सुभाष की पत्नी निकिता को निर्देश दिया था कि वह वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अपने नाबालिग बेटे को पेश करें। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस एससी शर्मा ने बच्चे से बात की और फिर अपना फैसला सुनाया।
इससे पहले 7 जनवरी को हुई सुनवाई में भी सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बच्चे ने दादी के साथ बहुत कम समय बिताया है इसलिए दादी बच्चे के लिए अजनबी है। कोर्ट ने अतुल सुभाष की पत्नी और बच्चे की मां निकिता सिंहानिया से बच्चे की स्थिति के बारे में जानकारी मांगी थी। आपको बता दें कि एआई इंजीनियर अतुल सुभाष ने अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया और उनके घरवालों पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए आत्महत्या कर ली थी। उनका शव 9 दिसंबर को बेंगलुरु स्थित उनके फ्लैट में मिला था। अतुल सुभाष ने आत्महत्या से पहले वीडियो बनाकर और एक सुसाइड नोट भी छोड़ा था जिसमें उन्होंने अपना दु:ख बताया था।
अतुल के आत्महत्या करने के बाद पुलिस ने निकिता सिंघानिया, उसकी मां निशा सिंहानिया और भाई अनुराग सिंहानिया को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद अतुल सुभाष की मां अंजू देवी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर पोते की कस्टडी की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि बच्चे की मां और उसके मायके वाले जेल में बंद हैं ऐसे में बच्चे की कस्टडी उसके दादी-बाबा को सौंपी जाए। अंजू देवी ने अपनी याचिका में यह भी कहा था कि उन्हें इस बारे में भी कोई जानकारी नहीं है कि उनका 4 साल का पोता कहां है।