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Ayodhya: आज रामलला का दर्शन करेंगे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, जानिए उनसे पहले किस राष्ट्रपति ने अयोध्या का किया था दौरा

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अयोध्या। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज अयोध्या में रामलला का दर्शन करने वाले हैं। रामलला का दर्शन करने वाले वह देश के पहले राष्ट्रपति होंगे। रामनाथ कोविंद स्पेशल प्रेसिडेंशियल ट्रेन पर सुबह 9 बजे के करीब लखनऊ से सवार होंगे। वह साढ़े 11 बजे अयोध्या पहुंचेंगे। यूपी की गवर्नर आनंदीबेन पटेल, सीएम योगी आदित्यनाथ अयोध्या में राष्ट्रपति का स्वागत करेंगे। राष्ट्रपति के दौरे के लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। पूरे अयोध्या में हाई सिक्योरिटी प्रोटोकॉल लागू किया गया है। लखनऊ से लेकर अयोध्या तक ट्रेन की पटरी के किनारे सुरक्षाबल के जवानों की भी तैनाती की गई है।


जानकारी के मुताबिक राष्ट्रपति अयोध्या रेलवे स्टेशन से सीधे रामकथा पार्क पहुंचेंगे। यहां पर वह रामायण कॉन्क्लेव का उद्घाटन करेंगे। यहां से राष्ट्रपति श्री राम जन्मभूमि जाएंगे और रामलला का दर्शन-पूजन करने के बाद पौधरोपण करेंगे। राम मंदिर निर्माण पर वह श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों से बातचीत भी करेंगे। इसके बाद वह प्रेसिडेंशियल ट्रेन से वापस लखनऊ के लिए रवाना हो जाएंगे। जहां से शाम करीब 6 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दिल्ली के लिए फ्लाइट से रवाना होंगे।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अयोध्या में स्वागत के लिए रेलवे स्टेशन से लेकर राम कथा पार्क तक 8 स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों से स्वागत किया जाएगा। जिसमें रेलवे स्टेशन के पास लिल्ली घोड़ी नृत्य व श्रीराम सेना की प्रस्तुति, श्री राम अस्पताल के निकट लगे मंच से गायन और नृत्य, बिरला धर्मशाला के पास अवधी लोक नृत्य, राज सदन पर फरवाही लोक नृत्य, तुलसी उद्यान के पास ढिधिया लोक नृत्य व अवधी गायन और नया घाट से रामकथा पार्क तक लगे मंच से डांडिया नृत्य, राई नृत्य और मयूर नृत्य से स्वागत किया जाएगा। जिसमें आजमगढ़, अयोध्या प्रयागराज बांदा झांसी और मथुरा के कलाकार होंगे।

राम कथा पार्क में आयोजित रामायण फिल्म के उद्घाटन के दौरान रामायण के प्रसंगों के कुछ अंश व लोक गायन का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन में अयोध्या के संत और आमंत्रित गणमान्य ही शामिल होंगे। 12 बजे से 1 बजे तक राम कथा पार्क रामायण कॉन्क्लेव का शुभारंभ व किताब का विमोचन होगा और लोक गायिका मालिनी अवस्थी के द्वारा रामायण सबरी का गायन किया जाएगा।

रामलला का दर्शन करने वाले रामनाथ कोविंद पहले राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। उनसे पहले बतौर राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह साल 1983 में अयोध्या आए थे। वह उस वक्त कनक भवन और हनुमानगढ़ी मंदिर में दर्शन करने गए थे। जैल सिंह ने उस वक्त विवादित ढांचे में स्थापित रामलला के दर्शन नहीं किए थे।

बता दें कि 1980 के दशक में राम मंदिर आंदोलन ने काफी तेजी पकड़ ली थी। उसी दौर में विवादित ढांचे के दरवाजे का ताला खोलने का फैसला कोर्ट ने सुनाया था। जिसके बाद 1992 के 6 दिसंबर को विवादित ढांचा कारसेवकों ने गिरा दिया था। उससे पहले 1990 में यूपी की तत्कालीन मुलायम सिंह यादव सरकार ने विवादित ढांचा गिराने जा रहे कारसेवकों पर पुलिस से फायरिंग कराई थी। जिसमें कई कारसेवकों की जान चली गई थी।

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