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‘आयुष्मान भारत योजना’ के पूरे हुए तीन वर्ष, गरीबों के लिए किसी देवदूत से कम नहीं ये स्कीम

23 सितंबर 2018 को शुरू हुई केंद्र सरकार की एक ऐसी महत्वाकांक्षी योजना जिसने गरीबों को एक नई सौगात दी। जिसने गरीबों की जिंदगी बदल कर रख दी। कल तक बदहाली, बेबसी और लाचारी में जीने वाले लोगों के लिए सरकार की यह योजना किसी देवदूत से कम नहीं है। आज लाखों गरीब परिवार सरकार की इस योजना का लाभ उठाकर हर्षित हैं। हालांकि, सरकार की तरफ से जन हित के लिए कई योजनाएं संचालित की जाती है, लेकिन यह योजना अन्यत्र योजनाओं से जुदा है। सरकार की इस योजना का नाम ‘आयुष्मान भारत योजना’ है, जिसके आज 3 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। आज ही के दिन 23 सितंबर को देश के प्रत्येक निर्धन परिवारों को 5 लाख रूपए तक की मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने हेतु इसका शुभारंभ किया गया था और आज जब यह योजना अपनी सफलता के 3 वर्ष पूरे करने जा रहा है, तो आइए जरा इस खास मौके पर इसकी कुछ उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हैं।

इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरूआत से लेकर अब तक इसके सफल संचालन की दिशा में सरकार की तरफ से 26 हजार 316 करोड़ रूपए स्वीकृत किए जा चुके हैं। अब तक कुल 28 हजार सार्वजनिक व निजी चिकित्सक संस्थानों को इस योजना के तहत सूचीबद्ध किया जा चुका है और प्रतिदिन 20 चिकित्सक संस्थानों को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया जारी है। इस योजना के शुभारंभ के समय 16 करोड़ व्यक्तिगत लाभार्थियों को  सत्यापित कर आयुष्मान कार्ड प्रदान किए गए थे। वहीं, प्रतिदिन इस योजना के तहत 50 लोगों को आयुष्मान कार्ड देने की प्रक्रिया जारी है। यहीं नहीं, लिंग विषमताओं को खत्म करने की दिशा में इस योजना का उल्लेखनीय योगदान रहा है। आप यह जानकर हर्षित होंगे कि अब तक इस योजना के तहत 50 फीसद लाभार्थी महिलाएं ही हैं। महिलाओं के जीवन में यह योजना एक बड़ी सौगात लेकर आया है।

योजना का लाभ उठाने की पात्रता

  1. एक आंकड़े के मुताबिक, तकरीबन 5 लाख परिवार प्रतिवर्ष इस योजना के तहत लाभान्वित हो रहे हैं।
  2. परिवार के सदस्य व उम्र की कोई सीमा निर्धारित नहीं की गई है। आर्थिक रूप से कमजोर तबके का कोई परिवार इस योजना का लाभ उठा सकता है।
  3. आज देश के प्रत्येक अस्पताल में कैशलेस स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने की दिशा में इस योजना का योगदान सराहनीय है। वहीं, इस योजना से अछूते अस्पतालों को इसके सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया जारी है।
  4. इस योजना के तहत लाभार्थियों का चयन 2011 में सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर किया जाता है। इस सर्वेक्षण के आधार पर यह आकलन किया जाता है कि इस योजना का लाभ उठाने की पात्रता कौन रखता है।

पीएम मोदी का ट्वीट

वहीं, इस योजना के तीन वर्ष संपन्न होने के अवसर पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि, ‘अगर किसी गरीब आदमी के घर में कोई सदस्य बीमार पड़ जाता है, तो पूरा परिवार परेशान हो जाता है और उसकी वित्तीय स्थिति भी बुरी तरह प्रभावित होती है। आयुष्मान भारत योजना इस समस्या का समग्र समाधान है’।

सर्वविदित है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रत्येक गरीब परिवार को सार्वजनिक व निजी अस्पतालों में 5 लाख रूपए तक की स्वास्थ्य उपचार मुफ्त उपलब्ध कराने का प्रावधान है। आज यह योजना गरीबों के जीवन में एक नई उम्मीद की किरण लेकर आया है।

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