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Badrinath: पहाड़ से मलबा आने की वजह से बदरीनाथ धाम की यात्रा रुकी, पिछले कई दिनों से मौसम की भी पड़ रही मार

उत्तराखंड के चारों धाम जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी रहती है। हर साल लाखों लोग इन चारों जगह जाते हैं। खासकर केदारनाथ और बदरीनाथ जाने वालों की संख्या लाखों में होती है। इसकी वजह से उत्तराखंड सरकार ने पिछले कुछ साल से रजिस्ट्रेशन का काम शुरू किया है।

badrinath landslide

चमोली। उत्तराखंड में बदरीनाथ धाम तक की यात्रा रोकनी पड़ी है। पहाड़ से मलबा गिरने की वजह से रास्ता बंद हो गया है। चमोली जिले के प्रशासन के मुताबिक बाजपुर इलाके में अचानक पहाड़ का बड़ा हिस्सा टूटकर बदरीनाथ हाइवे पर आ गया। इस मलबे को साफ कराया जा रहा है। मलबा साफ होने के बाद ही बदरीनाथ की यात्रा पर भक्त आगे जा सकेंगे। बदरीनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं के वाहन इस वजह से कई जगह रोकने पड़े हैं। सड़क पर आया मलबा हटाने का काम आज शाम तक पूरा होने की संभावना प्रशासन की तरफ से जताई जा रही है।

इस बार चार धाम यात्रा पर मौसम की मार पड़ी है। कपाट खुलने से लेकर शनिवार तक यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारानाथ और बदरीनाथ में मौसम काफी ठंडा रहा। केदारनाथ और बदरीनाथ में तो बेमौसम बारिश और बर्फबारी भी हो रही है। मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ की वजह से चार धाम में मौसम ने अलग रंग लिया है। अभी इस तरह का मौसम कई और दिन तक भी बना रह सकता है। इस वजह से प्रशासन ने यात्रियों को सुरक्षा उपाय मानने की सलाह दी है। चार धाम यात्रियों को हर तरह की सुविधा देने में स्थानीय प्रशासन जुटा है।

उत्तराखंड के चारों धाम जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी रहती है। हर साल लाखों लोग इन चारों जगह जाते हैं। खासकर केदारनाथ और बदरीनाथ जाने वालों की संख्या लाखों में होती है। इसकी वजह से उत्तराखंड सरकार ने पिछले कुछ साल से रजिस्ट्रेशन का काम शुरू किया है। बगैर रजिस्ट्रेशन के अब तीर्थयात्रियों को चार धाम की यात्रा करने का मौका नहीं मिलता है। उत्तराखंड में त्रासदी के बाद से ही तीर्थयात्रियों को हर तरह की सुरक्षा देने का काम भी राज्य सरकार की तरफ से किया जाता है। फिर भी प्राकृतिक दुर्घटनाओं की वजह से हर साल कई श्रद्धालुओं को जान भी गंवानी होती है।

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