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Phoolan Devi birth anniversary: बैंडिट क्वीन फूलन देवी का जन्मदिन आज, कैसे शुरु हुई उनके फूलन से डकैत बनने की कहानी; जानें पूरा किस्सा

नई दिल्ली। हिंदुस्तान ऐसा देश है जहां एक से बढ़कर एक ताकतवर महिलाओं ने जन्म लिया और विदेश तक अपने नाम का झंडा फहराया। एक ऐसा ही नाम है फूलन देवी , जिनको बैंडिट क्वीन भी कहा जाता है। कहा जाता है कि फूलन देवी एक ऐसी महिला है जिन्होंने अपने जीवन में काफी संघर्ष किया और तमाम उतार-चढ़ाव भी देखे, इसके साथ ही फूलन देवी गैंगरेप का शिकार हुई जिसके बाद उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल गई ये ,यह सब घटना ने उन्हें डाकू बना दिया। फूलन देवी का जन्म उत्तर प्रदेश के जालौन के पास बने गांव पूरवा में 10 अगस्त 1963 में हुआ था। इसी गांव से इनकी कहानी भी शुरू होती है। जहां वह अपने मां-बाप और बहनों के साथ रहती थीं। कानपुर के पास स्थित इस गांव में फूलन की फैमिली को मल्लाह होने के चलते ऊंची जातियों के लोग गलत नजर से देखते थे, उनके साथ गुलामों जैसा बर्ताव किया जाता था। फूलन के पिता की सारी संपत्ति उनके सगे भाई ने जबरन छीन लिया था। फूलन के पिता जो कुछ भी कमाते वो जमीन के झगड़े के चलते वकीलों की फीस में चला जाता था।

फूलन की शादी

इसी तरह के खराब माहौल में फूलन देवी पलती और बड़ी होती रहीं। ये सब देखकर उनके मन में बदले की भावना आ गई। और इसी आग को और सुलगाने में उनकी मां का बहुत बड़ा हाथ था। जब फूलन 11 साल की हुई, तो उसके चचेरे भाई मायादिन ने उसको गांव से बाहर निकालने के लिए उनकी शादी पुत्ती लाल नाम के एक बूढ़े शख्स से करवा दी। उस आदमी ने शादी के ठीक बाद ही उसका दुष्कर्म किया और उसे प्रताड़ित करने लगा। इन सब से परेशान होकर फूलन अपने पति का घर छोड़कर वापस मां-बाप के पास जाकर रहने लगीं।

फूलन से डकैत बनने की कहानी

गांव में ही फूलन ने अपने परिवार के साथ मजदूरी करना शुरू कर दिया। यहीं से लोगों को फूलन को विद्रोही स्वभाव के लोग देखने को मिले। एक बार तो जब एक आदमी ने फूलन को घर बनाने में की गई मजदूरी का मेहनताना देने से इंकार कर दिया, तो उसने रात को उस आदमी के मकान को ही कचरे के घर में बदल दिया। उस समय फूलन महज 15 साल की थीं जब कुछ गुंडो ने घर में ही उसके मां-बाप के सामने उसके साथ सामुहिक रेप किया और अप्राकृतिक संबंध बनाए। इसके बावजूद फूलन के तेवर कमजोर नहीं पड़े। उसके बाद गांव के दबंगों ने एक दस्यु गैंग को कहकर फूलन को किडनैप भी करवा लिया। इसके बाद ही फूलन देवी ने बदला लेने का प्रण लिया था।  बस यहीं से शुरू हुई फूलन के डकैत बनने की स्टोरी और उसने 14 फरवरी 1981 को बेहमई गांव में 20 ठाकुरों को लाइन में खड़ा करके गोली मार दी। इस घटना के बाद ही फूलन देवी का नाम बच्चे-बच्चे की ज़ुबान पर आ गया था। फूलन देवी का कहना था उन्होंने ये हत्याएं अपने बलात्कार का बदला लेने के लिए किया था।

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