लखनऊ। यूपी पुलिस की एंटी टेररिस्ट सेल ने म्यांमार के रोहिंग्या और बांग्लादेशी युवकों को हिंदू नामों वाले फर्जी दस्तावेजों की मदद से विदेश भेजने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है। गैंग के सरगना समेत 9 आरोपियों को एटीएस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों में 8 बांग्लादेशी नागरिक हैं। ये सभी फर्जी भारतीय दस्तावेजों के सहारे दिल्ली से दुबई जाने की कोशिश कर रहे थे। गैंग के सरगना को कोलकाता से गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली से गिरफ्तार लोगों से पूछताछ के आधार पर रविवार को सरगना महफुजुर्रहमान को कोलकाता से गिरफ्तार किया गया। उसका साथी मिथुन मंडल समेत गैंग के 9 लोग जेल भेजे गए हैं।
यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने मीडिया को बताया कि कुछ भारतीय और बांग्लादेशी लोग गैंग बनाकर रोहिंग्या और बांग्लादेशियों का नाम बदल कर उनके फर्जी भारतीय दस्तावेज बनाते थे। फिर इन दस्तावेजों के सहारे पासपोर्ट बनवाकर उन्हें विदेश भेजते। इसकी जानकारी एटीएस को हुई थी। इस मामले में 12 अक्टूबर को एफआईआर दर्ज की गई थी। गैंग के कुछ सदस्य पहले गिरफ्तार हुए थे। इनसे पूछताछ में खुलासा हुआ कि सरगना का नाम महफुजुर्रहमान है और वो बांग्लादेशी नागरिक होते हुए अवैध तौर से कोलकाता में रहता है। इसकी जानकारी पर कोलकाता में छापा मारा गया।
एडीजी ने बताया कि कोलकाता में महफुजुर्रहमान, इस मामले में गिरफ्तार मिथुन मंडल के भाई रतन मंडल के साथ अवैध तौर पर लोगों को विदेश भेजने का काम जारी रखे हुए था। प्रशांत कुमार ने बताया कि पूछताछ मे महफुजुर्रहमान ने बताया कि वो बांग्लादेश के मुंशीगंज जिले के श्रीनगर का रहने वाला है। वो 2010 में अवैध तौर पर भारत आया था। फर्जी तौर पर पासपोर्ट बनवाकर वो 2013 में दुबई भी गया था। एक मदरसे में वो रहता था और पाकिस्तानियों से भी उसके रिश्ते उजागर हुए हैं। वो ओनल ब्रो नाम से वाट्सएप ग्रुप चलाता है और विदेश भेजने वालों को हिंदी की जानकारी देने के अलावा उन्हें हिंदू नाम देता था।