नई दिल्ली। कई वर्षों तक चली तमाम लड़ाईयों और आंदोलनों के बाद 15 अगस्त 1947 को भारत ने ब्रिटिश हुकूमत से पूरी आजादी पाई थी। स्वतंत्रता की इस लड़ाई में देश के कई वीर सपूतों ने अपनी भेंट चढ़ाई थी। तब जाकर आज हम आजादी का जश्न मनाने में सक्षम हो सके हैं। इस वर्ष आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है और इस मौके पर राष्ट्रीय ध्वज संहिता में संशोधन कर लोगों को घरों पर तिरंगा फहराने की स्वतंत्रता प्रदान की गई है। इस संशोधन के अनुसार, 13 से 15 अगस्त तक लोग अपने घरों, वाहनों और संस्थानों में मशीन द्वारा सिला गया सिल्क, पालिस्टर, ऊनी अथवा खादी का तिरंगा फहरा सकते हैं। इसके अलावा, तिरंगा फहराने के कई नियम भी बनाए गए हैं, जिन्हें फॉलो करना आवश्यक है। ऐसा न करने पर अनजाने में आप तिरंगे का अपमान कर सकते हैं। तो आइये जानते हैं कौन से हैं वो नियम…
1.तिरंगे पर किसी तरह का दाग-धब्बा और कोई अक्षर लिखा नहीं होना चाहिए।
2.तिरंगा क्षतिग्रस्त नहीं होना चाहिए।
3.तिरंगा के बराबर या उससे ऊंचा कोई भी दूसरा ध्वज नहीं लगा होना चाहिए।
4.राष्ट्रीय ध्वज व्यावसायिक उपयोग में लाना सख्त मना है।
5.तिरंगा जानबूझकर जमीन पर झुकाना या पानी में डूबाना नहीं चाहिए।
6.राष्ट्रीय ध्वज को किसी भी हाल में किसी के सम्मान में नहीं झुकाना चाहिए।
7.राष्ट्रीय झंडे का उपयोग रूमाल, पोशाक या किसी मेज को ढकने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
8.इसके अलावा, झंडा फहराते समय राष्ट्रीय ध्वज संहिता में बताए गए अन्य नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए। इन नियमों की अवहेलना करने पर तिरंगे का अपमान माना जाएगा।