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West Bengal: दिलीप घोष पर TMC कार्यकर्ताओं ने किया हमला, महिला को भी नहीं छोड़ा! (Video)

Dilip Ghosh

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के भवानीपुर सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए प्रचार करने पहुंचे पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और मौजूदा बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष पर हमला किया गया है। दिलीप घोष ने हमला करने का आरोप टीएमसी के कार्यकर्ताओं पर लगाया है। खबरों की माने तो बीजेपी और टीएमसी के कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट भी हुई है। इसका वीडियो खुद उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया है।  मिली जानकारी के अनुसार, दिलीप घोष भवानीपुर सीट पर होने वाले उप विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने पहुंचे थे। जहां हंगामा हुआ और फिर ये हंगामा झड़प में बदल गया। दिलीप घोष के साथ भी धक्का-मुक्की की गयी है। स्थिति तो यहां तक पहुंच गयी कि दिलीप घोष को टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने घेर लिया और हमला करने की कोशिश की।

टीएमसी के कार्यकर्ताओं को उग्र होता देख दिलीप घोष की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मी ने अपने हथियार तक निकाल लिए। काफी मेहनत और हंगामे के बाद दिलीप घोष को भीड़ से निकाला गया और मामला शांत हुआ। टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने किस तरह गुंडागर्दी की है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि दिलीप घोष के साथ मौजूद एक महिला के साथ भी बदसलूकी की गई। जिसे आप वीडियो में साफ़ तौर पर देख सकते हैं। वहीं इस घटना को लेकर दिलीप घोष ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि, “प्रचार के दौरान सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मुझपर हमला किया। उन्होंने कहा कि टीएमसी कार्यकर्ताओं ने गुंडागर्दी की और टीएमसी किसी भी हाल में चुनाव जीतना चाहती है। क्या इस तरह प्रदेश में निपक्ष चुनाव की उम्मीद कोई कर सकता है?” साथ ही दिलीप घोष ने उपचुनाव को स्थगित करने की भी मांग की है। वहीं दिलीप घोष पर हुए हमले को चुनाव आयोग ने भी संज्ञान में लिया है। चुनाव आयोग ने भवानीपुर के हंगामे को लेकर ममता सरकार से रिपोर्ट मांगी है।

आपको बता दें कि भवानीपुर सीट पर होने वाले उपचुनाव में टीएमसी की ओर से खुद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनावी मैदान में हैं। मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए ममता बनर्जी को ये चुनाव जीतना जरूर है। वहीं बीजेपी ने वकील प्रियंका टिबरेवाल को मैडम में उतारा है। अगर बीजेपी ये चुनाव जीत जाती है तो ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र देना पड़ सकता है क्योंकि मई में आए पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव के नतीजों में उन्हें नंदीग्राम सीट से हार का सामना करना पड़ा था।

टीएमसी के लिए चुनाव जीतना बेहद जरूरी इसलिए भी है कि क्योंकि मुख्यमंत्री को अगर हार का सामना करना पड़ा तो ये पार्टी के लिए बेहद असहज स्थिति पैदा हो जाएगी! यही वजह है कि दोनों पार्टियां पूरे जोर-शोर के साथ चुनावी मैदान में हैं। हालांकि सच्चाई तो ये भी है कि पश्चिम बंगाल में हुए लगभग हर चुनाव में टीएमसी कार्यकर्ताओं पर खून-खराबा, हंगामा, मारपीट, हत्या करने का आरोप लगता रहा है। टीएमसी के उग्र कार्यकर्ताओं को खुद मुख्यमंत्री रहते हुए ममता बनर्जी भी कंट्रोल नहीं कर पाती हैं। अब देखने वाली बात है कि बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष पर हुए हमले को लेकर बीजेपी क्या रुख अख्तियार करती है।

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