नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने ओपी धनखड़ को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर जाट कार्ड चल दिया है। राज्य में लगातार दूसरी बार जाट नेता को प्रदेश संगठन की पार्टी ने कमान सौंपी है। निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला भी जाट बिरादरी से नाता रखते हैं।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने आईएएनएस से कहा, “धनखड़ की नियुक्ति से संकेत मिल रहे हैं कि 2019 के विधानसभा चुनाव में जाटों की नाराजगी के कारण हुए नुकसान चलते ओपी धनखड़ को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर पार्टी ने डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है।”
पहले केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर प्रदेश अध्यक्ष बनने की रेस में आगे चल रहे थे, मगर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ओपी धनखड़ के नाम पर मुहर लगाई।
हरियाणा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ की बात करें तो वह खांटी संघ पृष्ठिभूमि से आते हैं। वह मनोहर लाल खट्टर की पिछली सरकार में कृषि मंत्री रह चुके हैं। हालांकि, मंत्री रहते 2019 का विधानसभा चुनाव हार चुके हैं। ओपी धनखड़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट स्टेच्यू ऑफ यूनिटी आयरन कलेक्शन कॉरपोरेशन के वह नेशनल कोआर्डिनेटर रह चुके हैं।
हरियाणा के झज्जर जिले के निवासी ओपी धनखड़ 18 साल तक संघ व उससे जुड़े संगठनों के साथ काम कर चुके हैं। वह 1980 से 1996 के बीच अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे। स्वदेशी जागरण मंच से भी जुड़ाव रहा। फिर 1996 में संघ ने उन्हें भाजपा में भेजा। भाजपा संगठन का वह हिमाचल प्रदेश में भी दायित्व देख चुके हैं।
सूत्रों का कहना है कि इसी दौरान संगठन में काम करने के दौरान उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जान-पहचान हुई थी। 2014 में पार्टी ने उन्हें रोहतक सीट से लोकसभा का टिकट देकर मैदान में उतारा था मगर वह चुनाव हार गए थे। फिर 2014 के विधानसभा चुनाव में बादली सीट से विधायक बने। जिसके बाद मनोहर लाल खट्टर की सरकार में वह कैबिनेट मंत्री बने।