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Maharashtra: मनी लॉन्ड्रिग केस में अनिल देशमुख को तगड़ा झटका, नहीं मिली कोर्ट से जमानत

deshmukh

नई दिल्ली। महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और वसूली के मामले में आरोपी अनिल देशमुख को आज फिर स्पेशल कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया। देशमुख को बहुत उम्मीदें थी कि आज उन्हें किसी भी कीमत पर जमानत मिल ही जाएगी, लेकिन जज साहब ने अपने फैसले से उनकी सारी उम्मीदों पर पानी फेरकर रख दिया। बता दें कि मुंबई पुलिस ने देशमुख को 2 अक्टूबर 2021 को वसूली के मामले में गिरफ्तार किया था। देशमुख पर आरोप था कि सचिन वाजे द्वारा वसूली गई रकम उन तक पहुंचाई जाती थी। यह बात सचिन वाजे ने खुद पुलिस पूछताछ के दौरान कबूली थी। देशमुख पर आरोप है कि उन्होंने वसूली के इन पैसों का इस्तेमाल अपने व्यापार को फलीभूत करने के लिए किया था। जिसके बाद से वे लगातार पुलिस जांच का सामना कर रहे हैं।

हालांकि, यह कोई पहली मर्तबा नहीं है कि जब उनकी जमानत अर्जी ठुकराई गई है, बल्कि इससे पहले भी कोर्ट की तरफ से उनकी जमानत अर्जी ठुकरा कर उनकी उम्मीदों पर पानी फेरा जा चुका है। ईडी ने कोर्ट के समक्ष कहा कि अभी तक हुई पूछताछ के दौरान किसी भी सवाल का संतुष्टिजनक जवाब देशमुख की तरफ से नहीं आया है, जिसकी वजह से उनकी जमानत अर्जी नामुंजर की जाए। देशमुख ने कोर्ट के समक्ष कहा कि उन्होंने अपनी न्यायिक हिरासत की अवधि पूरी कर ली है। उन्होंने कोर्ट के समक्ष कहा कि उनकी  न्यायिक अवधि बार-बार बढ़ाई जा रही है। उन्होंने अपने बचाव के पक्ष में कहा कि उन्होंने जांच एजेंसी द्वारा पूछे गए हर सवाल का अपनी तरफ संतुष्टिजनक जवाब दिया है, लेकिन इसके बावजूद उनकी जमानत अर्जी मंजूर नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि विगत 21 दिसंबर को ही उन्होंने अपनी न्यायिक हिरासत की अवधि पूरी कर ली थी।

बता दें कि पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर ने अनिल देशमुख पर आरोप लगाया था कि उन्होंने सभी पुलिसकर्मियों को सभी रेस्टोरेंट और बॉर से कुल 100 करोड़ रूपए वसूलने का आरोप लगाया था। परमबीर के इस आरोप के बार ईडी ने पीएमएलए के तहत देशमुख पर केस दर्ज किया गया। जिसके बाद देशमुख की गिरफ्तारी हुई और आगे चलकर उन्हें अपने पद से इस्तीफा तक देना पड़ गया। हालांकि, इस दौरान उन्होंने कई मौकों पर खुद के बचाव में कई मर्तबा जमानत के लिए  याचिका दाखिल की, लेकिन उसे नामंजूर कर दिया गया।

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