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Survey Of Madarsa: यूपी में मदरसों के सर्वे के खिलाफ दारुल उलूम देवबंद में आज बड़ा सम्मेलन, पहले से विरोध कर रहे हैं इस्लामी संगठन और नेता

darul uloom deoband

देवबंद। यूपी में गैर मान्यता वाले मदरसों के सर्वे का मुद्दा गरमाता दिख रहा है। इस सर्वे के विरोध में असदुद्दीन ओवैसी, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड AIMPLB और जमीयत उलेमा-ए-हिंद Jamiyat Ulema e Hind ने पहले ही आपत्ति जताई थी। अब उत्तर भारत के सबसे बड़े इस्लामी शिक्षण संस्थान में मदरसों के सर्वे के विरोध में आज बड़ा सम्मेलन होने जा रहा है। इस सम्मेलन में मदरसों के प्रमुख और उलेमा शामिल होंगे और सर्वे के खिलाफ अगले कदम का फैसला करेंगे। सम्मेलन मशहूर मस्जिद रशीदिया में होगा। इसके लिए शनिवार से ही उलेमा यहां पहुंच रहे हैं। बता दें कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे का आदेश दिया था। जिसके बाद 10 सितंबर से ये काम चल रहा है।

दारुल उलूम देवबंद में आज होने वाले इस सम्मेलन में संस्थान से संबद्ध 250 से ज्यादा मदरसा संचालक हिस्सा लेंगे। सम्मेलन में सर्वे के खिलाफ क्या फैसला होता है, इस पर सभी की निगाह टिकी हुई है। इससे पहले जब सर्वे के खिलाफ आवाजें उठी थीं, तो यूपी सरकार की तरफ से कहा गया था कि ये मदरसों की भलाई के लिए है। यूपी के मंत्री दानिश अंसारी ने मीडिया से कहा था कि सर्वे के बाद गैर मान्यता वाले मदरसों का मान्यता देने, उनके छात्रों और टीचरों को बेहतर सुविधाएं देने का काम किया जाएगा। उन्होंने इन आरोपों को गलत बताया था कि अब यूपी की बीजेपी सरकार मदरसों का सर्वे कराकर मुसलमानों को परेशान करना चाहती है।

सर्वे का फैसला जब सीएम योगी ने लिया, तो उसके तुरंत बाद असदुद्दीन ओवैसी ने इसे मुसलमानों के उत्पीड़न की कोशिश बताया था। ओवैसी ने इस मामले में कई बार बयान दिया और सर्वे का विरोध किया। वहीं, पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत ने भी सर्वे के खिलाफ बयान दिया था। जमीयत ने तो ये भी कहा था कि वो सर्वे पर नजर रखेगी और जरूरत पड़ने पर इसका विरोध किया जाएगा।

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