News Room Post

Tungnath Temple: पंच केदार में शामिल तुंगनाथ मंदिर पर बड़ा खतरा, लगातार एक तरफ झुक रहा, एएसआई से बचाने की गुहार

tungnath temple 1

रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में दुनिया में सबसे ऊंचाई पर स्थित तुंगनाथ मंदिर पर खतरा मंडरा रहा है। तुंगनाथ मंदिर का बाहरी हिस्सा 5 से 6 डिग्री तक झुक गया है। अंदर सभामंडप और मूर्तियां 10 डिग्री तक झुक गई हैं। मंदिर ऐसे ही झुकता रहा, तो इसके गिरने और नष्ट होने का खतरा है। तुंगनाथ को पंच केदार में जगह मिली हुई है। इसे तीसरा केदार कहा जाता है। पंच केदार मंदिर की देखभाल करने वाली श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय के मुताबिक तुंगनाथ मंदिर को बचाने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को लिखा गया है। मंदिर समिति हर हाल में तुंगनाथ मंदिर को बचाएगी।

एएसआई को मंदिर समिति की तरफ से भेजी चिट्ठी में जल्द से जल्द कदम उठाकर इसके संरक्षण के लिए कहा गया है। तुंगनाथ मंदिर पर साल 1991 में आए बड़े भूकंप के अलावा 2012 के उखीमठ और 2013 की केदारनाथ आपदा का भी गहरा असर पड़ा। इसके बाद ही मंदिर का झुकना शुरू हुआ और तुंगनाथ की स्थिति अब खतरे में है। जानकारी के मुताबिक मंदिर का झुकाव देखने के लिए एएसआई ने साल 2017-18 में शीशे की स्केल लगाई थी। इसके आधार पर अब आंकड़े जुटाने से पता चला है कि तुंगनाथ मंदिर खतरनाक ढंग से झुक रहा है। तुंगनाथ मंदिर की बाहरी दीवार से कई जगह पत्थर भी निकल गए हैं। गर्भगृह और सभामंडप में आया 10 डिग्री का झुकाव इसे गिरा सकता है।

केदारानाथ और बदरीनाथ की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं में से तमाम हर साल तुंगनाथ के भी दर्शन करने जाते हैं। यहां चोपता का शानदार बुग्याल है। जहां दूर-दूर तक पहाड़ों की चोटियां बर्फ से ढकी हुई दिखती हैं। हरियाली के लिए चोपता बुग्याल काफी प्रसिद्ध है। पंच केदार में तुंगनाथ मंदिर का स्थान अहम है। ऐसे में इसे बचाने के लिए मंदिर समिति हर संभव कदम उठाने की बात कर रही है।

Exit mobile version