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Transfer-Posting Policy Of Teachers Postponed In Bihar : बिहार सरकार का बड़ा फैसला, शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग पॉलिसी स्थगित

नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षकों की ट्रांसफर और पोस्टिंग पॉलिसी को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया है। अब बिहार में ट्रांसफर पॉलिसी नए सिरे से लाई जाएगी। इससे पहले आज ही पटना हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश देते हुए बिहार के सरकारी शिक्षकों के ट्रांसफर और पोस्टिंग पर रोक लगा दी है। शिक्षकों ने सरकार की इस पॉलिसी का विरोध करते हुए याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने  बिहार सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए 3 हफ्ते का समय दिया है। मामले की अगली सुनवाई 21 जनवरी 2025 को होगी।

वहीं, बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार का कहना है कि सरकार द्वारा शिक्षकों की ट्रांसफर और पोस्टिंग पॉलिसी को रद्द किए जाने के फैसले का हाईकोर्ट के आदेश से कोई लेना-देना नहीं है। सरकार ने कल ही इस संबंध में निर्णय ले लिया था, हालांकि इसकी घोषणा आज की है। शिक्षा मंत्री ने बताया कि सरकार की मौजूदा ट्रांसफर और पोस्टिंग नीति से कई शिक्षक असंतुष्ट हैं। शिक्षकों की असंतुष्टि को देखते हुए ही सरकार ने यह फैसला किया है कि मौजूदा ट्रांसफर नीति में जो भी व्यवहारिक कठिनाइयां हैं, उसे दूर किया जाएगा और जल्द ही शिक्षकों के हित में नई ट्रांसफर और पोस्टिंग पॉलिसी लाई जाएगी।

गौरतलब है कि बिहार के औरंगाबाद जिले के सरकारी शिक्षक ट्रांसफर और पोस्टिंग नीति से खुश नहीं थे और उन्होंने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट के जज प्रभात कुमार सिंह ने शिक्षकों को राहत देते हुए फिलहाल अगली सुनवाई तक के लिए ट्रांसफर और पोस्टिंग पर स्टे लगा दिया है। आपको बता दें कि बिहार में अभी तक लगभग 1 लाख 20 हजार सरकारी शिक्षकों ने ट्रांसफर के लिए आवेदन किया है। आवेदन के बाद कैटेगरी के आधार पर शिक्षकों को पोस्ट के हिसाब से बांटते हुए पोस्टिंग की प्रकिया चालू होनी थी, मगर अब इस पर स्टे के साथ इसे रद्द भी कर दिया गया है।

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