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BJP Parliamentary Board: भाजपा में बड़ा फेरबदल, संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से हुई इन बड़े नेताओं की छुट्टी

नई दिल्ली।  इस वक्त की बड़ी खबर बीजेपी पार्टी से सामने आ रही है। खबर है कि पार्टी की तरफ से केंद्रीय चुनाव समिति और संसदीय बोर्ड का ऐलान किया जा चुका है। इस दौरान बीजेपी की ओर से संगठन में कई बड़े बदलाव भी किए गए हैं। इस बीच सबसे पहले अगर बात संसदीय बोर्ड की करें, तो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष निय़ुक्त किया गया है। इसके अलावा मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान को संसदीय बोर्ड से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।

संसदीय बोर्ड में इन चेहरों को मिली जगह

इसके साथ ही अगर पार्टी द्वारा गठित किए गए संसदीय बोर्ड की बात करें, तो इसके अध्य़क्ष जेपी नड्डा को नियुक्त किया गया है। इसके अलावा पीएम नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह, अमित शाह, बीएस येदयुरप्पा, सर्बानंद सोनेवाल, के लक्ष्मण, इकबाल सिंह लालपुरा, सुधा यादव, सत्य नारायण जाटिया, बीएल संतोष को सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। माना जा रहा है कि पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव व विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति का गठन करने के दौरान कई हितों का ध्यान रखा है।

चुनाव समिति में किन चेहरों को मिली जगह

इसके साथ ही अगर केंद्रीय चुनाव समिति की बात करें, तो इसमें भी बड़े फेरबदल किए गए हैं। माना जा रहा है कि पार्टी ने ये बड़े फेरबदल आगामी लोकसभा व विभिन्न राज्यों के नियत विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए किए हैं। संगठन में हुए ये बदलाव पार्टी की तरफ से चुनावी हितों को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं, जो कि आगामी दिनों में पार्टी के हितों के लिहाज से महत्वपूर्ण साबित होने जा रहे हैं।

उधर, केंद्रीय चुनाव समिति की बात करें, तो पार्टी की तरफ से चुनाव समिति में भी पार्टी की ओर से जेपी नड्डा को जगह दी गई है। इसके अलावा नरेंद्र मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, बीएस येद्यूरप्पा, सर्बानंद सोनेवाल, श्रीके लक्ष्मण, इकबाल सिंह लालपुरा, श्रीमती सुधा यादव, श्री सत्य नारायण जटिया, श्री भुपेंद्र यादव, देवेंद्र फडणवीस, ओम माथुर, बीएल संतोष सहित श्रमति वनथि श्रीनिवास को जगह दी गई है। बता दें कि बीजेपी ने केंद्रीय चुनाव समिति का गठन करने के दौरान कई ऐसे चेहरों को जगह दी है, जो कि आगामी दिनों पार्टी के सियासी हित के लिहाज से कारगर साबित हो सकें।

सबसे ताकतवर संस्था होती है संसदीय बोर्ड 

आपको पार्टी की संसदीय बोर्ड सबसे ताकतवर संस्था होती है। जिसके द्वारा लिए गए हर फैसले को मानने के लिए बाध्य रहते हैं। राष्ट्रीय स्तर और राज्य स्तर से लेकर गठबंधन की बात होती है, तो संसदीय बोर्ड का फैसला ही अंतिम माना जाता है।

जानिए चुनाव समिति के बारे में 

इसके साथ ही चुनाव समिति की बात करें , तो लोकसभा से लेकर विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर फैसला भी चुनाव समिति की ओर से किए जाते हैं। चुनाव के लिहाज से लिए गए तमाम फैसले सर्वमान्य माने जाते हैं।

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