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Ghaziabad: इंजीनियरिंग छात्रा की मौत मामले में बड़ा अपडेट, साक्षी ने इस वजह से लिया आत्महत्या का फैसला

Ghaziabad

नई दिल्ली। गाजियाबाद में बीते दिनों इंजीनियरिंग की छात्रा साक्षी द्वारा की गई आत्महत्या मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। इस मामले में पैसों के लेनदेन का लेखा-जोखो नजर आया है जिसके बाद माना जा रहा है कि साक्षी को ब्लैकमेल किया जा रहा था। अब पुलिस ने मामले में इस एंगल पर जांच शुरू कर दी है। बता दें, बीते 1 तारीख को बीटेक की छात्रा साक्षी ने 12वी मंजिल से कूद कर अपनी जान दे दी थी। मामले को पहले आत्महत्या माना जा रहा था लेकिन जब साक्षी की मौत के बाद परिजन मृतका के साथ पढ़ने वाले दोस्त के घर पहुंचे तो उसने बताया कि साक्षी से पैसों की डिमांड की जा रही थी। फोन पर उससे लगातार पैसे मांगे जा रहे थे। इसके बाद जब परिजन चेक करते हैं तो पाया जाता है कि सुसाइड से पहले मृतका ने अज्ञात अकाउंट में यूपीआई के जरिये पैसा ट्रांसफर किया था।

बीते कुछ दिनों पहले ही पैसे ट्रांसफर करना शुरू हुआ था। बाद में जब साक्षी के पिता ने जांच की तो पाया कि उनके और उनकी दूसरी बेटी के अकाउंट से भी उसने पैसे निकालकर अज्ञात अकाउंट में ट्रांसफर किए हुए थे। कुछ मिलाकर मृतका उस ब्लैकमेलर को 1.75 लाख रुपये की बड़ी रकम ट्रांसफर कर चुकी थी। अब परिवार की शिकायत के बाद पुलिस इस मामले में आगे जांच में जुट गई है।

विजयनगर थाना क्षेत्र में ऐसी ही एक घटना बीती 3 तारीख को देखने को मिली थी जिसमें एबीईएस इंजीनियरिंग कालेज में बीटेक 2 ईयर के छात्र हार्दिक वत्स ने सोसायटी में 19 वे मंजिल से छलांग लगा दी थी। सिद्धार्थ विहार इलाके में नवनिर्मित सोसायटी  क्रेमलिन सोसायटी में ये घटना हुई थी। हार्दिक के परिजनों ने इस आत्महत्या को हत्या बताते हुए कहा था कि उनके बेटे ने कहा था कि खाना बनाकर रखना लेकिन कुछ समय बाद ही पुलिस ने उसकी खबर हमें दी। परिजनों का ये भी कहना है कि घटनास्थल वाली सोसाइटी से सिद्धार्थ का कोई लेना-देना नहीं था। परिजनों ने ये भी कहा है कि सिद्धार्थ के अकाउंट से 41 हजार रुपये के करीब ट्रांजेक्शन हुई है। अब मामले में परिवारजनों की तरफ से ब्लैकमेलिंग की आशंका जताई जा रही है।

अब इन दोनों ही मामलों में क्षेत्राधिकारी अंशु जैन का ये कहना है कि मामले की जांच जारी है। मृत छात्र और छात्रा के मोबाइल से इन्वेस्टमेंट आदि के मैसेज प्राप्त हुए हैं। साइबर सेल की मदद ली जा रही है ताकी मामले का जल्दी से जल्दी खुलासा हो सके।

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