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बिहार चुनाव : जीतनराम मांझी ने महागठबंधन से तोड़ा नाता, कांग्रेस और RJD की समझ में कुछ नहीं आया

नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) से ठीक पहले विपक्षी खेमा महागठबंधन को जोरदार झटका लगा है। महागठबंधन के सहयोगी पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) की पार्टी हिन्दुस्तान आवामी मोर्चा (HAM) ने महागठबंधन से नाता तोड़ लिया है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी ‘हम’ की गुरुवार को यहां महत्वपूर्ण बैठक हुई जिसमें पार्टी की कोर कमिटी और वरिष्ठ सदस्यों ने हिस्सा लिया। बैठक में सर्वसम्मति से महागठबंधन से नाता तोड़ने का निर्णय लिया गया।

पार्टी की कोर कमिटी की बैठक के बाद हम प्रवक्ता दानिश रिजवान ने पत्रकारों को महागठबंधन से अलग होने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महागठबंधन में निरंतर उपेक्षा और समन्वय समिति की गठन करने की बात नहीं माने जाने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी और कोर कमेटी ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया है। रिजवान ने बताया कि किसी अन्य गठबंधन में जाने के संबंध में अगले दो-तीन दिनों में ही निर्णय लिया जाएगा। फिलहाल अभी यह तय नहीं किया गया है कि आखिर मांझी कहां जाऐंगे। वहीं चर्चा है कि मांझी फिर से एनडीए में घर वापसी कर सकते हैं। उनकी जेडीयू के नेताओं से इस मामले में बातचीत भी हो चुकी है।

उल्लेखनीय है कि ‘हम’ महागठबंधन में रहते हुए लगातार समन्वय समिति बनाने की मांग उठाते रही है। इधर, इस बात की संभावना जताई जा रह है कि मांझी की पार्टी जल्द ही राजग में शामिल हो सकती है। मांझी के महागठबंधन से अलग होने को गठबंधन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि राजद, कांग्रेस, विकासशील इंसान पार्टी, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और हम के गठबंधन में मांझी लगातार समन्वय समिति बनाने की मांग करते रहे थे। मांझी ने चेतावनी दी थी अगर समिति बनाने को लेकर जल्द कोई फैसला नहीं लिया गया तो वे महागठंधन छोड़कर अलग रास्ता अख्तियार कर सकते हैं।

श्याम रजक जेडीयू से आरजेडी में आए

इससे पहले बिहार सरकार के उद्योग मंत्री श्याम रजक ने सीएम नीतीश का साथ छोड़ लालू के लालटेन पकड़ ली थी। इसके ठीक दूसरे दिन जेडीयू ने भी आरजेडी के तीन विधायक प्रेमा चौधरी, महेश्वर यादव और डॉ.अशोक कुमार को अपनी पार्टी में शामिल कराकर करारा जवाब दे दिया था।

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