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Covid-19: बिहार के मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह का कोरोना से निधन, CM नीतीश ने जताया शोक

Arun Kumar Singh and CM Nitish Kumar

पटना। बिहार के मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह का शुक्रवार को निधन हो गया। 1985 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सिंह कोरोना से संक्रमित थे। उनके निधन पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक जताया है। मुख्य सचिव अरूण कुमार सिंह कोरोना संक्रमित होने के बााद उन्हें राजधानी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनका इलाज चल रहा था। जहां उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली। सिंह मुख्य सचिव के पहले बिहार के विकास आयुक्त के पद पर भी रह चुके हैं। उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके निधन पर राज्य के प्रशासनिक और राजनीतिक महकमे में शोक की लहर दौड पड़ी।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह के निधन को अत्यंत दु:खद बताते हुए अपने शोक संदेश में कहा, “अरुण कुमार सिंह वर्ष 1985 बैच के बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी थे। वे भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक कुशल प्रशासक थे। वे एक मिलनसार व्यक्ति थे। विभिन्न पदों पर रहते हुए उन्होंने अपनी भूमिका का बेहतर निर्वहन किया था।” नीतीश ने कहा कि उनके निधन से प्रशासनिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।

बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने सिंह के निधन पर शोक संवेदना प्रकट करते हुए कहा, “1985 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी बिहार के मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह के निधन से अत्यंत मर्माहत हूं। वे अनुभवी एवं कुशल प्रशासक थे। उनके निधन से प्रशासनिक एवं सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है।”

इधर, विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भी सिंह के निधन पर दुख प्रकट किया है। उन्होंने अपने शेक संदेश में कहा, “बिहार सरकार के मुख्य सचिव सिंह की कोरोना संक्रमण के कारण हुई असामयिक मौत पर मर्माहत हूं। कुछ कहने को शब्द नहीं। भगवान दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे।”

राजद के विधायक चंद्रहास चौपाल ने कहा कि सिंह का जाना प्रशासनिक क्षेत्र के लिए राज्य को बड़ी क्षति है। वे व्यवहार कुशल और नेक दिल के इंसान थे। बिहार युवक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार ने भी सिंह के निधन पर शोक प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि वे कुशल प्रशासक और शिक्षाविद थे। उनका जाना बिहार के लिए अपूरणीय क्षति है।

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