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United Opposition: कांग्रेस, ममता और केसीआर, नीतीश तो पीएम पद की दौड़ से हटे लेकिन इन तीन ने फंसाया पेच

mamata kcr rahul and nitish

पटना। साल 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं और बिहार के सीएम नीतीश कुमार के बारे में पिछले कुछ समय से चर्चा थी कि वह नरेंद्र मोदी के खिलाफ पीएम पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार हो सकते हैं, लेकिन इन चर्चाओं पर नीतीश की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने रविवार को विराम लगा दिया। जेडीयू की प्रदेश और राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिन चली बैठक के बाद कहा गया कि नीतीश कुमार पीएम पद के दावेदार नहीं हैं। जेडीयू का कहना है कि किसी को भ्रम नहीं रहना चाहिए कि नीतीश को पीएम बनाने के लिए पार्टी विपक्ष को एकजुट कर रही है। ऐसे में नीतीश तो पीएम पद की रेस से हट गए, लेकिन विपक्ष की एकता की राह में कांग्रेस, ममता बनर्जी और तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) का पेच फंसा हुआ है।

इसके साथ ही जेडीयू ने तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव यानी केसीआर के प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया है। केसीआर ने महज 5 दिन पहले ही पटना जाकर प्रस्ताव दिया था कि गैर बीजेपी और गैर कांग्रेस गठबंधन किया जाए। जेडीयू का कहना है कि विपक्ष को एकसाथ लाने की कोशिश वो करेगी। हालांकि, केसीआर अगर चाहें, तो वो भी इस काम में साथ दे सकते हैं। अब दिक्कत ये है कि केसीआर और कांग्रेस में हमेशा छत्तीस का आंकड़ा रहा है। इसकी वजह अलग तेलंगाना राज्य के गठन में कांग्रेस की यूपीए सरकार के दौरान लगाए जाते रहे अड़ंगे हैं। कांग्रेस विरोध के दम पर ही केसीआर तेलंगाना की सत्ता में पहुंचे। अब वो कांग्रेस के साथ अगर खड़े होंगे, तो उससे सवाल उठेंगे। ऐसे में नीतीश के सामने कांग्रेस और केसीआर को एकसाथ लाना भी बड़ी चुनौती होने जा रही है।

इससे पहले ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने कह दिया था कि वो लोकसभा चुनाव में अकेले दम पर लड़ेगी। पार्टी के प्रवक्ता सुखेंदु शेखर रे ने पत्रकारों से शनिवार को कहा था कि विपक्ष को एकजुट करने के किसी प्रस्ताव की टीएमसी को कोई जानकारी नहीं है और पार्टी अकेले दम पर बीजेपी का मुकाबला करेगी। सुखेंदु ने ये भी कहा था कि चुनाव के बाद विपक्ष को जो सीटें मिलेंगी, उसे देखकर ही किसी गठबंधन पर उनकी पार्टी बातचीत करेगी। उधर, कांग्रेस पहले ही कह चुकी है कि पीएम पद के लिए राहुल गांधी ही उसके उम्मीदवार थे और अगले चुनाव में भी रहेंगे। जाहिर है, कांग्रेस ने ये कहकर साफ कर दिया है कि विपक्ष की एकता अगर होगी, तो उसकी छतरी के नीचे ही। यानी कुल मिलाकर नीतीश कुमार के सामने केसीआर, ममता और कांग्रेस की तीन चुनौतियां हैं। इनसे निपटकर ही वो मोदी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट कर सकते हैं।

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