नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य में सियासी संग्राम बढ़ता जा रहा है। आए दिन तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी जंग तेज होती जा रही है। साफ है कि इस चुनाव में भाजपा और टीएमसी के बीच टक्कर देखी जा रही है। वहीं टीएमसी के कई नेता ऐसे हैं जो भाजपा का दामन थाम बैठे हैं। चुनाव के नजदीक इस तरह की स्थिति ममता बनर्जी के लिए मुश्किलें पैदा कर सकती हैं। शनिवार को भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने अपने एक ट्वीट में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चुनौती देते हुए कहा कि, अगर ममता बनर्जी को नंदीग्राम विधानसभा से अपनी जीत पर इतना ही भरोसा है तो वो ऐलान करें कि किसी और सीट से वो चुनाव नहीं लड़ेंगी, सिर्फ नंदीग्राम से ही चुनाव लड़ेंगी। अमित मालवीय ने कहा कि, अगर ममता बनर्जी ऐसा नहीं करती हैं, तो साफ है कि वो खुद की जीत को लेकर आश्वस्त नहीं है।
अमित मालवीय ने ट्वीट में लिखा है कि, “ममता बनर्जी ने घोषणा की है कि वह नंदीग्राम से चुनाव लड़ेंगी। यदि उन्हें लगता है कि वह निश्चित रूप से नंदीग्राम से जीत रही हैं, तो उन्हें यह भी घोषणा कर देनी चाहिए कि वह सिर्फ नंदीग्राम से ही चुनाव लड़ेंगी, ताकि बाद में उन्हें अपने शब्दों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सके और इससे वो पलट नहीं सके, यदि ऐसा नहीं होता है, तो हमें पता है….”
दरअसल कभी ममता बनर्जी के काफी करीबी माने जाने वाले नेता शुभेंदु अधिकारी ने अब भाजपा का दामन थाम लिया है। नंदीग्राम विधानसभा सीट पर उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है। ऐसे में ममता दीदी ने घोषणा की है कि, इस विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट से खुद चुनाव लड़ेंगी।
इस घोषणा के बाद शुभेंदु अधिकारी ने भी चैलेंज देते हुए कहा है कि, तृणमूल सुप्रीमो और मुख्यमंत्री को नंदीग्राम विधानसभा सीट पर कम से कम 50 हजार मतों के अंतर से हराएंगे। इतना ही नहीं शुभेंदु अधिकारी ने यहां तक कह दिया कि यदि वह ममता को आधा लाख मतों के अंतर से नहीं हरा सके, तो वह राजनीति छोड़ देंगे।