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Madarsa Survey: ‘मदरसों में कुछ छिपा नहीं रहे तो…’, ओवैसी और मुस्लिम संगठनों पर मुख्तार अब्बास नकवी का पलटवार

mukhtar abbas naqvi

लखनऊ। बीजेपी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने यूपी और उत्तराखंड में मदरसों के सर्वे का विरोध करने वाले नेताओं पर पलटवार किया है। नकवी ने सर्वे का विरोध कर भड़काऊ बयान देने वाले नेताओं और मुस्लिम संगठनों से जानना चाहा है कि अगर मदरसों में छिपाने को कुछ नहीं है, तो सर्वे का विरोध आखिर वे क्यों कर रहे हैं? नकवी ने शुक्रवार को लखनऊ में बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन को संबोधित करते हुए ये सवाल उठाया। नकवी ने कहा कि मदरसों के सर्वे पर सांप्रदायिक सियासत की जा रही है। उन्होंने कहा कि सभी मदरसों पर शक नहीं है, लेकिन सर्वे पर हो रहे बवाल से सवाल तो खड़े होते ही हैं। उन्होंने कहा कि अगर छिपाने के लिए कुछ नहीं है, तो कुछ लोग इतना चीख-चिल्ला क्यों रहे हैं।

नकवी ने ये आरोप भी लगाया कि कुछ लोग इस्लामोफोबिया की बात कहकर दुष्प्रचार करते हैं। इससे ऐसे लोग देश को बदनाम करने की कोशिश करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों और सिंडिकेट यानी गठजोड़ से सावधान रहने की जरूरत है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बीजेपी ने समावेशी राजनीति की है। सभी के लिए योजनाओं को लागू किया है। बीजेपी ने तुष्टीकरण के सियासी छल को ध्वस्त किया है। नकवी ने कहा कि विदेशी आक्रांताओं की गुनाहों की गठरी को मुसलमानों के सिर पर बोझ की तरह नहीं डालना चाहिए, लेकिन कुछ लोग ऐसा करते रहते हैं।

बता दें कि मदरसों में सर्वे के मुद्दे पर एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत उलमा-ए-हिंद ने विरोध जताया था। ओवैसी ने इस बारे में तमाम भड़काऊ बयान दिए हैं। ओवैसी ने इस कदम को मुसलमानों को और दबाने की साजिश तक बताया था। जबकि, पर्सनल लॉ बोर्ड ने सवाल उठाया था कि आखिर मदरसों के सर्वे की जरूरत क्या है? वहीं, जमीयत के नेता मौलाना महमूद महमूद मदनी ने कहा था कि इस सर्वे पर वो नजर रखेंगे और अगर कुछ गलत हुआ, तो उसके खिलाफ आवाज उठाएंगे।

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