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Karhal Assembly By-election Becomes Interesting Due To BJP’s Move : बीजेपी ने सपा के गढ़ में चला ऐसा दांव, दिलचस्प हुआ मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट पर उपचुनाव

Karhal Assembly By-election Becomes Interesting Due To BJP's Move : करहल विधानसभा सीट से अखिलेश यादव ने अपने भतीजे तेज प्रताप को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं बीजेपी ने मुलायम सिंह यादव के परिवार के दामाद अनुजेश यादव को टिकट दिया है। इस तरह से तेज प्रताप के सामने उन्हीं के परिवार के ही कैंडिडेट को खड़ाकर बीजेपी ने अखिलेश यादव के सामने बड़ी चुनौती पेश कर दी है।

नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के गढ़ और मुलायम सिंह यादव के परिवार की पारम्परिक सीट मानी जाने वाली मैनपुरी की करहल विधानसभा पर होने वाले उपचुनाव में बीजेपी ने ऐसा दांव चला है कि सपा के लिए अब बड़ी चुनौती सामने आ गई है। दरअसल करहल विधानसभा सीट से अखिलेश यादव ने अपने भतीजे तेज प्रताप को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं बीजेपी ने मुलायम सिंह यादव के परिवार के दामाद अनुजेश यादव को टिकट दिया है। इस तरह से तेज प्रताप के सामने उन्हीं के परिवार के ही कैंडिडेट को खड़ाकर बीजेपी ने चुनाव को दिलचस्प बना दिया है।

अनुजेश यादव का अखिलेश यादव से है करीबी रिश्ता

बीजेपी की टिकट पर करहल से चुनाव मैदान में ताल ठोकने वाले अनुजेश यादव के साथ दिवंगत मुलायम सिंह यादव के भाई अभयराम यादव की बेटी संध्या की शादी हुई है। आजमगढ़ से सपा सांसद धर्मेंद्र यादव संध्या के सगे भाई हैं और अनुजेश यादव उनके बहनोई हैं। इस तरह से अनुजेश यादव रिश्ते में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के भी जीजा लगे। अखिलेश यादव की चचेरी बहन संध्या यादव मैनपुरी की जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। पार्टी विरोधी गतिविधि के चलते संध्या और उनके पति अनुजेश को सपा से निकाल दिया गया था। इसके बाद इन दोनों ने बीजेपी का दामन थाम लिया था। अनुजेश यादव का परिवार शुरू से ही समाजवादी पार्टी में रहा है। अनुजेश की मां उर्मिला यादव मैनपुरी की घिरोर विधानसभा सीट से विधायक रह चुकी हैं।

तेज प्रताप के साथ संध्या यादव और उनके पति अनुजेश की फाइल फोटो

आपको बात दें कि करहल विधानसभा से अखिलेश यादव खुद विधायक थे। 2022 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश ने बीजेपी के एसपी सिंह बघेल को हराकर चुनाव जीता था। इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में अखिलेश कन्नौज सीट से चुनाव लड़कर सांसद बन गए और करहल सीट से इस्तीफा दे दिया था, इसीलिए यहां विधानसभा उपचुनाव हो रहा है। सपा के लिए जीती हुई पारम्परिक सीट को बचाए रखना नाक का सवाल है। जबकि बीजेपी ने यादव परिवार के गढ़ में सेंध लगाने के लिए बहुत सधी चाल चली है।

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