नई दिल्ली। बीजेपी के भीतर से ही अब आंदोलनकारी किसानों के पक्ष में आवाजें उठनी शुरू हो गई हैं। ये आवाजें पार्टी मंच की जगह सार्वजनिक तौर पर उठ रही हैं। यूपी से सांसद वरुण गांधी ने ट्वीट कर मोदी सरकार को किसानों की बात सुनने का आग्रह किया है। वरुण ने अपने ट्वीट में लिखा है कि लाखों किसान आज मुजफ्फरनगर में इकट्ठा हुए हैं। ये हमारे ही खून और मांस हैं। उनका सम्मान करते हुए हमें फिर से उनसे बातचीत करनी चाहिए। ताकि उनका दर्द और कृषि कानूनों के बारे में उनकी राय जानी जा सके। वरुण ने लिखा है कि किसानों के साथ मिलकर काम करने से सरकार और उनके बीच एकराय बन सकती है। वरुण गांधी बीजेपी के पहले सांसद हैं, जिन्होंने किसान आंदोलन पर अपनी ये बेबाक राय रखी है। इससे पहले मेघालय के गवर्नर सत्यपाल मलिक ने किसानों के पक्ष में बयान दिया था।
Lakhs of farmers have gathered in protest today, in Muzaffarnagar. They are our own flesh and blood. We need to start re-engaging with them in a respectful manner: understand their pain, their point of view and work with them in reaching common ground. pic.twitter.com/ZIgg1CGZLn
— Varun Gandhi (@varungandhi80) September 5, 2021
सत्यपाल मलिक ने कहा था कि वह किसानों की समस्या समझते हैं। वह खुद किसान हैं और देखकर दुख होता है कि 600 किसान अब तक मर चुके हैं, लेकिन सरकार ने उन्हें सांत्वना तक नहीं दी। सत्यपाल मलिक ने ये भी कहा था कि गवर्नर का पद जाने का उन्हें कोई मलाल नहीं होगा। उन्होंने कहा था कि किसानों पर कानून जबरन नहीं थोपा जाना चाहिए। अगर किसान इसे अपने खिलाफ बता रहे हैं, तो सरकार को उनकी बात सुन लेनी चाहिए।
इससे पहले भी सत्यपाल मलिक ने किसान आंदोलन के मसले पर बेबाक बयान दिए थे। इसी साल मार्च में मलिक ने कहा था कि मोदी को किसानों की बात मान लेनी चाहिए। उनका कहना था कि किसान ऐसी कौम हैं, जो 300 साल तक नहीं भूलते कि किसने उनके साथ क्या किया है। जबकि, अप्रैल में उन्होंने कहा था कि कृषि कानूनों के मसले पर पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह गलत रास्ते पर हैं। बता दें कि सरकार की ओर से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पीयूष गोयल और प्रह्लाद जोशी के साथ मिलकर किसानों के प्रतिनिधिमंडल से काफी बातचीत की थी, लेकिन राकेश टिकैत और बाकी किसान नेता पहले तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं।