News Room Post

Mukesh Ambani Antilia case: महाराष्ट्र में महाविकास अघाडी नहीं, महावसूली अघाडी सरकार चल रही है: भाजपा

ravi shankar prasad

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक से भरी कार के मामले में आए दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं। मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक से भरे स्कॉर्पियो कार के मिलने का मामला जैसे ही जांच के लिए NIA के हाथों सौंपा गया। इसके बाद से इस मामले में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। सबसे पहले इस पूरे मामले में मुंबई पुलिस के API सचिन वाजे को NIA ने गिरफ्तार किया इसके बाद धड़ाधड़ कई खुलासे हुए जो चौंकाने वाले थे। इतना सब चल ही रहा था और महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार अभी परेशानी से उबरने की कोशिश ही कर रही थी। सरकार ने आनन-फानन में मुंबई पुलिस के कई आला अधिकारियों को यहां वहां स्थांतरित कर दिया। इसी दौरान मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह का भी स्थानांतरण होम गार्ड विभाग में कर दिया गया। इसके बाद परमबीर सिंह ने पत्र के माध्यम से इतने सारे खुलासे कर दिए जिसने महाराष्ट्र में शिवसेना नीत महाविकास अघाड़ी सरकार की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।

अब इस मामले पर राजनीति और तेज हो गई है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि महाराष्ट्र में विकास नहीं वसूली हो रही है, वहां महावसूली अघाडी है। महाराष्ट्र जैसे बड़े प्रदेश में आईपीएस और बड़े पुलिस पदाधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग में सीधी वसूली हो रही है, हमें उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री कार्रवाई करेंगे, लेकिन दोषियों पर कार्रवाई करने के बजाय एक महिला अधिकारी पर कार्रवाई की और उन्हें हटाकर वहां से पदोन्नत करके कहीं और पोस्ट कर दिया। दोनों डीजीपी-सुबोध जायसवाल ने और रश्मि शुक्ला-ने महाराष्ट्र छोड़ दिया। रविशंकर प्रसाद ने कहा, “ये क्या हो रहा है महाराष्ट्र में, मतलब आर डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस, महाराष्ट्र जैसे बड़े सेंसेटिव स्टेट, वहां पर डीजीपी अपने एक अधिकारी की रिपोर्ट सीएम को भेज रहे हैं और कार्रवाई के लिए कह रहे हैं, कार्रवाई तो दूर दोनो इन इमानदार अधिकारियों को दंडित किया गया। इससे बड़ा दुर्भाग्य हो नहीं सकता।”

उन्होंने आगे कहा कि भारत के इतिहास में ये पहली बार हुआ कि किसी पुलिस कमिश्नर ने लिखा कि राज्य के गृह मंत्री जी ने मुंबई से 100 करोड़ रुपये महीना वसूली का टार्गेट तय किया है। जब एक मंत्री का टार्गेट 100 करोड़ रुपये है तो बाकी के मंत्रियों का कितना होगा? प्रसाद ने आगे कहा कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कुछ दस्तावेजों के साथ कहा है कि ट्रांसफर और पोस्टिंग के नाम पर भी वसूली चल रही थी। वो भी छोटे मोटे ऑफिसर्स की ही नहीं बल्कि बड़े बड़े IPS ऑफिसर्स की भी।

रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा कि सचिन वाजे सस्पेंडेड था, करीब 15-16 वर्षों तक, वो शिवसेना का सदस्य बनता है। उसे कोरोना काल में reinstate करते हैं। उसके बाद उन्हें ही 100 करोड़ वसूली का टार्गेट दिया जाता है। इसके साथ ही रविशंकर प्रसाद ने महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एक उद्योगपति के घर के सामने जो गाड़ी मिली है, उसकी एनआईए जांच कर रही है, उस गाड़ी का तथाकथित मालिक मृत पाया जाता है, तो उसकी जांच को क्यों रोका जा रहा है? इसके साथ ही प्रसाद ने शरद पवार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि मैं शरद पवार से कहना चाहूंगा कि आप कृप्या देश को बताएं कि गलत तथ्यों के आधार पर आपको महाराष्ट्र के गृहमंत्री को क्यों डिफेंड करना पड़ा?

अब इस मामले में महाराष्ट्र सरकार की और खासकर अनिल देशमुख की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही है। वहीं इस मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। महाराष्ट्र सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। अब इश मामले में महाराष्ट्र सरकार को जवाब देना मुश्किल होता जा रहा है।

इस तरह चल रहा था महाराष्ट्र में ट्रांसफर पोस्टिंग का खेल, रश्मि शुक्ला की टॉप सीक्रेट रिपोर्ट लीक

परमबीर सिंह ने पत्र के माध्यम से इतने सारे खुलासे कर दिए जिसने महाराष्ट्र में शिवसेना नीत महाविकास अघाड़ी सरकार की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।

इस पत्र में परमबीर सिह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखा गृहमंत्री अनिल देशमुख इस सरकार में धन उगाही का काम कर रहे थे। 100 करोड़ रुपए हर महीने के हिसाब से इसका आकलन किया गया था। इसके साथ ही सचिन वाजे को लेकर भी कई सारी बातें इस पत्र में लिखी गई थी। परमबीर ने इसके साथ ही सारे मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया है। वहीं इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की भी मांग की है।

परमबीर सिंह ने अपनी इस याचिका में अपने ही बैच की आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला के उस रिपोर्ट का जिक्र किया है जिसमें दावा किया गया है कि महाराष्ट्र में ट्रांसफर पोस्टिंग का खेल धड़ल्ले से जारी है और इसमें व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकायत भी रश्मि शुक्ला ने डीजीपी सुबोध जायसवाल को दी थी और बाद में डीजीपी जायसवाल ने सीएम उद्धव ठाकरे को यही फाइल भेजी थी। लेकिन इसपर अब तक कोई कार्रवाई नहीं कई गई।

परमबीर सिंह ने इस याचिका में साथ ही सीएम को लिखे पत्र में दावा किया है कि तब इस बात को दबाने के लिए अनिल देशमुख के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाए रश्मि शुक्ला को ही पद से हटा दिया गया। अभी फिलहाल रश्मि शुक्ला सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) में एडिशनल डायरेक्टर जनरल (एडीजी) के पद पर तैनात हैं। इससे पहले वे डीजी (सिविल डिफेंस) के पद पर अपनी सेवा दे चुकी हैं। स्टेट इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट (एसआईडी) की कमिश्नर रहते हुए उन्होंने अनिल देशमुख को लेकर शिकायत की थी। जिसके बाद उनका तबादला कर दिया गया था।

कमिश्नर इंटेलीजेंस रश्मि शुक्ला की महाराष्ट्र ट्रांसफर पोस्टिंग की टॉप सीक्रेट रिपोर्ट

देवेंद्र फडणवीस ने भी इसी पत्र का जिक्र कर महाराष्ट्र सरकार पर साधा है निशाना

देवेंद्र फडणवीस ने भी इसी पत्र का जिक्र कर महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा है। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य में ट्रांसफर-पोस्टिंग का एक रैकेट चल रहा है। उन्होंने कहा कि मेरे मुख्यमंत्री रहने पर ऐसी खबरें सामने आई थीं और हमारी सरकार ने इसका सख्ती से निपटारा किया था। फडणवीस ने दावा किया कि उनके पास फोन कॉल रिकॉर्डिंग है, जो साफ करता है कि इससे जुड़ी कई जानकारियां मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पास पहले से थीं।

फडणवीस ने कहा कि, “ट्रांसफर का रैकेट कमिश्नर ऑफ इंटेलिजेंस ने पकड़ा, पकड़ने से पहले DG और ACS होम की अनुमति ली और मुख्यमंत्री तक रिपोर्ट पहुंचाई। अब तक रिपोर्ट पर कार्रवाई नहीं की गई। मैंने आज दिल्ली में गृह सचिव से मिलने का समय मांगा है, मैं CBI से जांच कराने की मांग करूंगा।”

Exit mobile version