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Rajasthan: राज्यसभा चुनाव से पहले अशोक गहलोत पर BJP का हमला, ‘पुलिस का दुरूपयोग कर विधायकों की जासूसी का आरोप’

Ashok Gehlot

नई दिल्ली। राजस्थान राज्य में 4 सीट के लिए 10 जून को देश के सबसे बड़े सदन राज्यसभा के लिए चुनाव होने हैं, इस चुनाव में राजस्थान विधानसभा के विधायक वोट करेंगे। राजस्थान में प्रत्येक सीट के लिए 41 विधायकों के वोट की जरूरत है और कांग्रेस ने तीन बड़े चेहरे रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी पंजे के निशान से उम्मीदवार बनाये है। यह तीनों सीट जीतने के लिए 123 विधायकों की जरूरत है, लेकिन कांग्रेस के पास सदन में अभी मात्र 109 विधायक है और बाकि 16 निर्दलीय विधायकों का समर्थन कांग्रेस के पक्ष में नजर आ रहा था। बीजेपी ने भी अपने कमल के निशान से राजस्थान के ही वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवारी को राज्यसभा चुनाव का उम्मीदवार बनाया है। यानि की चारों सीटों पर कोई दिक्कत नहीं थी लेकिन मामला तब गंभीर हुआ जब बीजेपी समर्थित सुभाष चंद्रा भी मैदान में पांचवे उम्मीदवार के तोर पर कूद पड़े है। सुभाष चंद्रा की उम्मीदवारी ने कांग्रेस के तीसरे चेहरे की चमक थोड़ी फिकी कर दी है और इसी लिए बाड़े बंदी और विधायकों पर नजर रखी जा रही है। दरसल कांग्रेस की और से तीनो उम्मीदवार राजस्थान के बाहर के होने के कारण स्थानीय विधायकों में रोष है।

बीजेपी से वरिष्ठ विधायक और बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष मदन दिलावर ने अशोक गहलोत सरकार पर चुनाव को चलते पुलिस के जरिये उनकी एवं अन्य बीजेपी विधायकों की जासूसी का आरोप लगाया है। दिलावर ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को टैग कर ट्वीट करते हुए कुछ फोटो पोस्ट किये और लिखा कि” राज्यसभा हारने का खौफ क्या होता है अगर देखना है तो पिछले कुछ दिनों से मुख्यमंत्री जी का रवैया देख लीजिए ! @ashokgehlot51 साहब पुलिस को विधायकों की जासूसी के बजाय अगर कानून व्यवस्था को दुरुस्त कराने हेतु लगाया होता तो आज प्रदेश अपराध की श्रेणी में शीर्ष पर नहीं होता। आज अरावली एनक्लेव,जयपुर (विधायक आवास) में आपके इशारे पर पुलिस द्वारा किया कार्य अत्यंत निंदनीय है।”

विधायकों की जासूसी के आरोप पर कोटा दक्षिण से बीजेपी विधायक संदीप शर्मा ने भी अशोक गहलोत सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि”राज्यसभा चुनावों में हार के डर से विधायकों के घर पुलिस बिठा जासूसी करवाने वाले मुख्यमंत्री, इसी मुस्तैदी से पुलिस अपराधियों के पीछे लगवाते तो करौली हिंसा का आज तक फरार मुख्य आरोपी मतलूब अहमद भी सलाखों के पीछे होता।

दरअसल कांग्रेस के खुद के विधायकों में भारी फूट है, दोनों गुटों में संघर्ष जग जाहिर है, इसलिए मुख्यमंत्री साहब पुलिस प्रशासन का दुरुपयोग करके विधायकों पर अनैतिक दबाव बनाना चाहते है।”

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