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UP: गुंडे-मवालियों की भाषा बोल रहे हैं किसान नेता राकेश टिकैत, योगी सरकार को अब दी ये धमकी

लखनऊ। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत की जुबान दिन पर दिन बेलगाम होती जा रही है। आठ महीने से दिल्ली की सीमाओं पर कई जगह तथाकथित किसानों को बिठाकर हंगामा कर रहे राकेश टिकैत अब गुंडे-मवालियों की भाषा बोलने लगे हैं। ताजा मामले में टिकैत ने यूपी की योगी सरकार को धमकी दी है। यूपी की राजधानी लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राकेश टिकैत ने धमकी देते हुए कहा कि अब लखनऊ को दिल्ली की तरह बना देंगे। यानी लखनऊ की सीमाओं पर किसानों को बिठाएंगे। साथ ही यह भी कहा कि यूपी को किसान चारों तरफ से घेरकर सील कर देंगे। राकेश टिकैत ने कहा कि ये सारे फैसले लेने के लिए 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में महापंचायत होगी।

यहां गौर करने वाली बात है कि यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ का शासन है। योगी अपनी कठोर छवि के लिए जाने जाते हैं। सीएए के खिलाफ दिल्ली में लंबा आंदोलन चला था और दंगे भी हुए थे, लेकिन योगी ने लखनऊ में न तो ज्यादा दिन आंदोलन चलने दिया और न ही दंगे या हिंसा होने दी। जिन लोगों ने हिंसा की, उनकी संपत्ति भी सरकार ने जब्त कर ली। ऐसे में राकेश टिकैत अगर अपनी धमकी को अमलीजामा पहनाने की कोशिश करते हैं, तो उनका हश्र भी खराब होने के पूरे आसार हैं। सीएम योगी बीते दिनों कह चुके हैं कि अगर कोई कानून और व्यवस्था को तोड़ेगा, तो सरकार उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी और गुंडे-मवालियों को अपनी संपत्ति गंवानी पड़ेगी।

बता दें कि दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन को आठ महीने हो गए हैं। केंद्र सरकार की ओर से कृषि मंत्री और यहां तक कि पीएम नरेंद्र मोदी भी किसानों से कह चुके हैं कि तीन कृषि कानूनों में जो कमियां बताई जाएंगी, उन्हें सरकार दुरुस्त करेगी। बावजूद इसके राकेश टिकैत जैसे किसान नेता कोई बात सुनने के लिए राजी नहीं हैं। इन लोगों की मांग तीनों कानूनों को रद्द करना है।

राकेश टिकैत और अन्य किसान संगठनों को कांग्रेस, अकाली दल, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और वामपंथी दलों के अलावा समाजवादी पार्टी का भी समर्थन हासिल है। इससे साफ है कि कृषि कानूनों को लेकर सिवाय सियासत चमकाने के अलावा कुछ नहीं किया जा रहा है। इससे पहले भी राकेश टिकैत की जुबान से गलत बातें निकल चुकी हैं। बीते दिनों ही टिकैत ने किसानों को भड़काते हुए कहा था कि वे युद्ध के लिए तैयार रहें। इसके अलावा वह आंदोलन के शुरुआती दिनों से ही मोदी सरकार के खिलाफ अनाप-शनाप बातें कहते रहे हैं।

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