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Nepal Aircraft Crash: नेपाल विमान हादसे में मिला क्षतिग्रस्त प्लेन का ब्लैक बॉक्स, अब दुर्घटना के कारणों का पता लगाना होगा आसान

Nepal Aircraft Crash: काठमांडू के एयरपोर्ट अधिकारी ने मामले पर ज्यादा जानकारी देते हुए बताया कि लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है और विमान का ब्लैक बॉक्स भी मिल गया है।

नई दिल्ली। नेपाल में बीते कल हुई विमान दुर्घटना से सारा देश गमगीन हैं। विमान में क्रू मेंबर्स को मिलाकर 72 पैसेंजर मौजूद थे और सभी की मौत हो चुकी है। अभी भी घटनास्थल पर लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। काठमांडू के एयरपोर्ट अधिकारी ने मामले पर ज्यादा जानकारी देते हुए बताया कि लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है और विमान का ब्लैक बॉक्स भी मिल गया है। अब इस बात का पता लगाना आसान हो जाएगा कि हादसा किस वजह से हुआ था। पहले अनुमान लगाया जा रहा था कि खराब मौसम की वजह से प्लेन दुर्घटनाग्रस्त हुआ था लेकिन वीडियो सामने आने के बाद पता चला कि लैंडिंग से पहले ही प्लेन में आग लग चुकी थी।

क्या है ब्लैक बॉक्स,जो लगाएगा हादसे का पता

बताया गया कि लैंडिंग से महज 10 सेकंड पहले ही प्लेन में आग लग चुकी थी। अब आग कैसे लगी, इन्हीं कारणों का पता अधिकारी ब्लैक बॉक्स के जरिए लगाएंगे।  इसी बीच ये जानना भी जरूरी है कि आखिरी ब्लैक बॉक्स क्या होता है जिसकी वजह से दुर्घटना के कारण का पता लगाया जा सकता है। दरअसल हादसे का पता लगाने के लिए प्लेन में दो डिवाइस पहले से मौजूद होते हैं। एक फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर (एफडीआर) और दूसरा कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर)। इसे ही प्लेन का ब्लैक बॉक्स कहा जाता है।

30 दिन तक काम करता है ब्लैक बॉक्स

इन्हीं डिवाइस के जरिए कॉकपिट के अंदर की बातों को और विमान की गति, ऊंचाई का मापन भी किया जाता है। यात्रा के दौरान सभी चीजें इसी में रिकॉर्ड होती हैं। भले ही इस बॉक्स का नाम ब्लैक बॉक्स है लेकिन ये दिखने में ऑरेंज कलर का होता है जिसमें सालों साल का डेटा सेफ रहता हैं।ब्लैक बॉक्स की खासियत है कि हादसा कितना भी बड़ा हो, इस बॉक्स का बाल भी बांका नहीं हो सकता है। उसकी बैटरी लाइफ भी 30 दिन ही होती हैं और 20 हजार फीट की दूरी से भी बॉक्स को डिटेक्ट किया जा सकता है।

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