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Parliament Security Breach: संसद की सुरक्षा में सेंध करने वालों की खैर नहीं, अब सभी आरोपियों का होगा पॉलीग्राफ, नार्को टेस्ट और ब्रेक मैपिंग

Parliament Security Breach: बीते दिनों संसद के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही के दौरान सभी आरोपी पहुंच गए और इसके बाद इनमें से कुछ आरोपी ने भरी संसद में धुआं स्प्रे कर दिया, जिससे सभी अचकचा गए। एक पल के सांसद कुछ समझ नहीं सकें, लेकिन इससे पहले कि आरोपी किसी अप्रिय स्थिति को अंजाम देते सांसदों ने मिलकर सभी को दबोच लिया और उनकी खूब पिटाई की।

नई दिल्ली। संसद की सुरक्षा में चूक मामले में शामिल आरोपियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में दिल्ली पुलिस जुट चुकी है। इस बीच खबर है कि सभी आरोपियों का पॉलीग्राफ टेस्ट, नार्को टेस्ट और ब्रेक मैपिंग की जाएगी, ताकि मामले की पूरी सच्चाई के बारे में जानकारी मिल सकें। बता दें कि बीते दिनों पुलिस पूछताछ में सभी आरोपियों ने खुलासा किया था कि संसद की सुरक्षा में चूक करने की प्लानिंग आज से कई महीने पहले ही कर ली गई थी, ताकि गूंगी-बहरी सरकार तक अपनी बात पहुंचा सकें। पुलिस ने बताया कि सभी आरोपी भगत सिंह फैंस क्लब के जरिए एक-दूसरे के संपर्क में आए थे, जिसके बाद इन लोगों ने मिलकर संसद की सुरक्षा में चूक करने की साजिश रची थी।

वहीं, बीते दिनों इस पूरे मामले के मास्टरमाइंड ललित झा ने भी पुलिस को सरेंडर कर दिया था। बताया गया था कि ललित झा ही इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड था। फिलहाल, वो सलाखों के पीछे है। सभी आरोपियों से पूछताछ का सिलसिला जारी है, लेकिन पुलिस का मानना है कि मामले की तह तक जाने के लिए सभी का पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट किया जाना अनिवार्य है। इसके बाद ही किसी मामले की सच्चाई जाहिर हो सकेगी। बहरहाल, अब आगामी दिनों में पुलिस आरोपियों के खिलाफ क्या कुछ कार्रवाई करती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन आइए उससे पहले जरा पूरा मामला विस्तार से जान लेते हैं।

जानिए पूरा माजरा

दरअसल, बीते दिनों शीतकालीन सत्र की कार्यवाही के दौरान सभी आरोपी संसद में दाखिल हो गए थे और इसके बाद इनमें से कुछ आरोपियों ने भरी संसद में धुआं स्प्रे कर दिया, जिससे सभी अचकचा गए। एक पल के सांसद कुछ समझ नहीं सकें, लेकिन इससे पहले कि आरोपी किसी अप्रिय स्थिति को अंजाम देते सांसदों ने मिलकर सभी को दबोच लिया और उनकी खूब पिटाई की। इसके बाद उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम के बाद संसद की सुरक्षा पर सवाल उठे, जिसके बाद कई आमूलचूल परिवर्तन भी किए गए, जिसमें से एक यह था कि संसद की सुरक्षा का जिम्मा सीआईएसएफ को सौंप दिया गया।

जमकर हुई राजनीति

इसके अलावा इस पूरे मामले को लेकर सियासत भी जमकर हुई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि बेरोजगारी से त्रस्त युवाओं ने सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए यह राह पक़ड़ी, जिस पर बीजेपी ने कहा कि अगर इन युवाओं को सरकार तक अपनी बात ही पहुंचानी थी, तो इस तरह का विकल्प क्यों चुना? वो चाहते तो विरोध प्रदर्शन भी कर सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया। बता दें कि इस पूरे मामले की जांच सीबीआई या अन्य जांच एजेंसियों कराने की भी मांग उठ रही है, लेकिन अभी तक इस संदर्भ में कोई फैसला नहीं किया गया। बहरहाल, अब इस पूरे मामले में आगामी दिनों में क्या कुछ कार्रवाई की जाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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