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BRICS NSA की बैठक में आतंक विरोधी एक्शन प्लान को मिला बल, भारत की अध्यक्षता में सदस्य देशों ने दी सहमति

नई दिल्ली। अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद से वहां की हालत में भूचाल आया हुआ है। ऐसे में अफगानी देश छोड़कर दूसरे देशों में शरण लेने को मजबूर हैं। बता दें कि तालिबान के कहर से पूरे अफगानिस्तान में उथल-पुथल मची हुई है। ऐसे हालात के बीच मंगलवार को भारत समेत पांच देशों के अहम ब्रिक्स संगठन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने वर्चुअल तरीके से मीटिंग की। इस बैठक में वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा हालात को लेकर सदस्य देशों ने भारत की अध्यक्षता में व्यापक सहमति दी। मीटिंग के दौरान संगठन ने आतंकवाद और आंतकी वित्त पोषण के खिलाफ लड़ाई में आपसी व्यवहारिक सहयोग को और बढ़ावा देने के लिए तैयार किए गए एक्शन प्लान को स्वीकार किया। बता दें कि इस मीटिंग को लेकर विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि, पिछले साल ब्रिक्स नेताओं के 12वें शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी की सलाह पर अमल किया गया था और आतंकवाद विरोधी एक्शन प्लान को सभी सदस्य देशों ने स्वीकार किया।

इसके साथ ही आगे होने वाले शिखर सम्मेलन में विचार के लिए नामित किया। बता दें कि अफगानिस्तान को तालिबान द्वारा नियंत्रित किए जाने के बीच ये तय है कि अफगानिस्तान से कई अलग-अलग आतंकी समूहों की गतिविधियों को बल मिलेगा। ऐसे में इसे देखते हुए आतंकवाद विरोधी एक्शन प्लान को स्वीकार किया जाना बड़ा कदम माना जा रहा है। बता दें कि रूस, भारत, ब्राजील, चीन और दक्षिण अफ्रीका की मौजूदगी वाले संगठन में भारतीय अध्यक्षता के दौरान यह एक अहम उपलब्धि है।

क्या है एक्शन प्लान में

बैठक में कौन-कौन हुआ शामिल

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में चीनी पोलित ब्यूरो सदस्य यांग जेईछी, ब्राजील सुरक्षा अधिकारी जनरल अगुस्तो हेलेना रिबिएरो परेरा, रूस के एनएसए जनरल पात्रुशेव, और दक्षिण अफ्रीका के उप रक्षा मंत्री एन. गुडएनफ कोडवा शामिल रहे।

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