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Rajasthan: गहलोत सरकार को लगा झटका, इस दल ने अपना समर्थन लिया वापस

CM Ashok Gehlot

नई दिल्ली। राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के लिए बुरी खबर सामने आई है। दरअसल पंचायत चुनाव में मिली हार के बाद भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। बता दें कि शुक्रवार को BTP के दो विधायकों ने गहलोत सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। इसके पहले ये विधायक लगातार गहलोत सरकार को समर्थन दे रहे थे। वहीं जब सदन में गहलोत सरकार को अपना बहुमत साबित किया था तो तब दोनों विधायकों ने अशोक गहलोत का समर्थन किया था। बता दें कि बीटीपी के दोनों विधायकों राजकुमार रोत और रामप्रसाद ने पार्टी अध्यक्ष और गुजरात के विधायक महेश वसावा से समर्थन वापसी लेने की बात कही थी, जिस पर अमल करते हुए उन्होंने अपना निर्णय ले लिया है। सागवाड़ा विधानसभा सीट से BTP के विधायक राम प्रसाद ढिल्लो ने कहा है कि कांग्रेस को उनकी पार्टी के समर्थन की जरूरत नहीं है और इसलिए उन्हें भी कांग्रेस की जरूरत नहीं है।

बता दें कि राजस्थान में पायलट के बगावत ही नहीं बल्कि राज्यसभा चुनाव के दौरान भी कांग्रेस प्रत्याशी केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी के पक्ष में मतदान किया था, लेकिन जिला परिषद का चुनाव कांग्रेस से नाता तोड़ने के लिए उन्हें मजबूर कर दिया। बता दें कि अभी हाल ही में राज्य में पंचायत समिति के चुनाव हुए जिसमें कांग्रेस को कई सीटों पर नुकसान हुआ है। इन नतीजों को देखते हुए BTP के विधायकों ने आरोप लगाया था कि चुनावों में कांग्रेस ने उसका साथ नहीं दिया और धोखा दिया।

वहीं भारतीय जनता पार्टी की बात करें तो राजस्थान के पंचायत चुनाव में उसे 1833 सीटों पर जीत हासिल हुई है। जबकि कांग्रेस को 1713 सीटों पर जीत मिली है.। इसके अलावा जिला प्रमुख के चुनावों में भी बीजेपी का प्रदर्शन कांग्रेस से काफी बेहतर था।

कांग्रेस और बीटीपी के बीच आई इस खटास को लेकर माना जा रहा है कि, डूंगरपुर जिला परिषद के चुनाव में जिला प्रमुख के पद पर बीटीपी समर्थित उम्मीदवार को कांग्रेस का समर्थन नहीं मिला। इसकी वजह से बीटीपी को हार का मुंह देखना पड़ा। इस चुनाव में कांग्रेस के पार्षदों ने बीजेपी का समर्थन कर दिया। नतीजे में डूंगरपुर में जिला परिषद की 27 सीटों में से मात्र 8 सीटें जीतने वाली बीजेपी का परिषद का अध्यक्ष निर्वाचित हुआ जबकि सबसे ज्यादा (13) सीटें जीतनेवाली बीटीपी को हार का मुंह देखना पड़ा।

गहलोत सरकार को कोई खतरा नहीं

फिलहाल इन दो विधायकों के समर्थन वापस लेने से गहलोत सरकार पर कोई खतरा नहीं है लेकिन खेमा जरूर कमजोर होगा। बता दें कि अब कांग्रेस के पास राज्य में बहुमत है। लेकिन कुछ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। राजस्थान में कुल 200 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से अभी गहलोत सरकार के पास 118 हैं। हालांकि, इनमें से कई निर्दलीय विधायक भी शामिल हैं।

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