News Room Post

Cab Fare To Be Hiked: कैब से चलना होगा महंगा, केंद्र सरकार ने पीक आवर में बेस फेयर से दोगुना तक किराया लेने की दी मंजूरी

Cab Fare To Be Hiked: बाइक सेवा देने वाली कंपनी रैपिडो ने नई गाइडलाइन को विकसित भारत की दिशा में मील का पत्थर करार दिया है। कंपनी ने कहा है कि ये बदलाव अंतिम मील तक कनेक्टिविटी को बेहतर करेगा। साथ ही कम सेवा वाले इलाकों में सस्ते परिवहन का भी विस्तार होगा। वहीं, कैब सेवा देने वाली कंपनी उबर ने कहा है कि इन नए गाइडलाइन का स्वागत करती है। उबर ने कहा है कि नई गाइडलाइन को वक्त पर राज्य लागू करें, तो सभी के लिए ये लाभदायक होने वाला है।

नई दिल्ली। कैब से चलना अब आपकी जेब पर ज्यादा बोझ डालने वाला है। केंद्र सरकार ने कैब सर्विस देने वाली कंपनियों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की गाइडलाइन के मुताबिक कैब सर्विस देने वाली कंपनियां पीक आवर में बेस फेयर से दोगुना तक किराया ले सकेंगी। इसे सर्ज प्राइजिंग कहा जाता है। अब तक सर्ज प्राइजिंग की उच्च सीमा बेस फेयर से 1.5 गुना ही थी। केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से कहा है कि वे तीन महीने में नई गाइडलाइन लागू कर दें। किराये का नया स्ट्रक्चर इसलिए बनाया गया है, ताकि कैब सर्विस देने वाली कंपनियां पीक आवर में फ्लेक्सिबिलिटी दे सकें।

इसके अलावा नई गाइडलाइन के तहत नॉन ट्रांसपोर्ट यानी सफेद पर काले हरफों से लिखी नंबर प्लेट वाली बाइक्स को भी शेयर्ड मोबिलिटी की मंजूरी दी गई है। पहले बाइक सर्विस देने के लिए कॉमर्शियल रोड टैक्स देना होता था और बाइक पर इसकी पीली नंबर प्लेट लगानी होती थी। इस तरह आम लोग कैब सर्विस देने वाली कंपनियों के तहत अपनी सामान्य बाइक से भी लोगों को पहुंचाने का काम कर सकेंगे। केंद्र सरकार के मुताबिक ये फैसला लोगों को सस्ते में आने-जाने की सुविधा देगा। साथ ही ज्यादा ट्रैफिक नहीं होगा और प्रदूषण भी कम रहेगा। इस तरह की बाइक सेवा के लिए राज्य सरकारें सर्विस देने वाली कंपनियों यानी एग्रीगेटर्स पर रोजाना, हफ्तावार या 15 दिन में शुल्क ले सकेंगी।

बाइक सेवा देने वाली कंपनी रैपिडो ने नई गाइडलाइन को विकसित भारत की दिशा में मील का पत्थर करार दिया है। कंपनी ने कहा है कि ये बदलाव अंतिम मील तक कनेक्टिविटी को बेहतर करेगा। साथ ही कम सेवा वाले इलाकों में सस्ते परिवहन का भी विस्तार होगा। वहीं, कैब सेवा देने वाली कंपनी उबर ने कहा है कि इन नए गाइडलाइन का स्वागत करती है। उबर ने कहा है कि नई गाइडलाइन को वक्त पर राज्य लागू करें, तो सभी के लिए ये लाभदायक होने वाला है। हालांकि, कैब से रोजमर्रा के काम के लिए आने-जाने वालों की जेब अब ढीली होने वाली है। अभी ये जानकारी नहीं मिली है कि कंपनियां सर्ज प्राइजिंग के लिए किस तरह के स्लैब लागू करेंगी।

Exit mobile version